Retail Inflation: सस्ता हुआ खाने-पीने का सामान, 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंची महंगाई दर

खाने का सामान सस्ता होने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई में नरमी आई और यह चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर रही.

देश Team Latestly|
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Retail Inflation: सस्ता हुआ खाने-पीने का सामान, 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंची महंगाई दर

खाने का सामान सस्ता होने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई में नरमी आई और यह चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर रही.

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Retail Inflation: सस्ता हुआ खाने-पीने का सामान, 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंची महंगाई दर
Vegetable Prices Hike | Photo: PTI

नयी दिल्ली, 13 नवंबर: खाने का सामान सस्ता होने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई में नरमी आई और यह चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर रही. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में तीन महीने के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत थी. इससे पहले, जून में महंगाई दर 4.87 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अक्टूबर बैठक में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. UPI लाइट से कर सकेंगे ऑफलाइन पेमेंट, एक बार में भज सकतें हैं 500 रुपये, मिलेगी AI की भी सुविधा.

यह 2022-23 के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले कम है. सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है.

इससे पहले, जून में महंगाई दर 4.87 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अक्टूबर बैठक में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह 2022-23 के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले कम है.

Retail Inflation: सस्ता हुआ खाने-पीने का सामान, 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंची महंगाई दर
Vegetable Prices Hike | Photo: PTI

नयी दिल्ली, 13 नवंबर: खाने का सामान सस्ता होने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई में नरमी आई और यह चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर रही. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में तीन महीने के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत थी. इससे पहले, जून में महंगाई दर 4.87 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अक्टूबर बैठक में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. UPI लाइट से कर सकेंगे ऑफलाइन पेमेंट, एक बार में भज सकतें हैं 500 रुपये, मिलेगी AI की भी सुविधा.

यह 2022-23 के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले कम है. सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है.

इससे पहले, जून में महंगाई दर 4.87 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अक्टूबर बैठक में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह 2022-23 के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले कम है.

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