नई दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति में एक बार फिर तेजी आई है. सब्जी, अनाज समेत खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्चस्तर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में 4.87 प्रतिशत और पिछले साल यानी 2022 के इसी महीने में 5.88 प्रतिशत के स्तर पर थी. महंगाई दर अगस्त में 6.83 प्रतिशत थी. उस समय से इसमें गिरावट जारी थी. एशिया में भूख अभी भी बड़ी समस्या: यूएन.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नवंबर महीने में बढ़कर 8.7 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है.
मसालों की महंगाई में सालाना आधार पर 21.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके अलावा दाल और उसके उत्पादों में 20.23 प्रतिशत, सब्जियों में 17.7 प्रतिशत और फलों की महंगाई में 10.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई. अनाज और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 10.27 प्रतिशत रही. हालांकि, तेल और वसा के खुदरा दाम में 15 प्रतिशत की गिरावट आई.
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 5.85 प्रतिशत रही, जबकि शहरी केंद्रों में यह 5.26 प्रतिशत रही. इससे महंगाई का राष्ट्रीय औसत 5.55 प्रतिशत रहा. भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है. उसे दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ इसे चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
आरबीआई ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में उपभोक्ता मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है. राज्यों में महंगाई ओड़िशा में सबसे ज्यादा 7.65 प्रतिशत रही. इसके अलावा, बिहार, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना और राजस्थान में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से अधिक रही. वहीं दिल्ली में महंगाई दर सबसे कम 3.1 प्रतिशत रही.
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सब्जियों की महंगाई में तेज वृद्धि से खाद्य वस्तुओं और पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति बढ़कर आठ प्रतिशत हो गयी. उन्होंने कहा कि मुख्य (कोर) उपभोक्ता मुद्रास्फीति नवंबर, 2023 में 4.2 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर 2023 में 4.4 प्रतिशत थी.
नायर ने कहा, ‘‘महामारी के बाद यह मुख्य उपभोक्ता मुद्रास्फीति का न्यूनतम स्तर है. मुख्य उपभोक्ता मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट सकारात्मक है और इसने पिछले कुछ महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति के आंकड़े को संतुलित किया है.’’ एनएसओ ने कीमत आंकड़ें देशभर में 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 ग्रामीण क्षेत्रों से एकत्र किये हैं.