रांची: कोर्ट ने बदला अपना आदेश, अब ऋचा भारती को नहीं बांटने पड़ेंगे 5 कुरान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

रांची: सोशल साइट (Social Site) पर धार्मिक टिप्पणी (Communal Post) करने के मामले में फंसी छात्रा ऋचा भारती (Richa Bharti) को गिरफ्तार किए जाने के बाद कोर्ट ने इस्लाम धर्म (Islam Religion) के पवित्र कुरान (Holy Quran) की 5 प्रतियों को बांटने के शर्त पर जमानत देने का आदेश दिया था, लेकिन अब कोर्ट ने अपने इस आदेश को बदल दिया है. बुधवार को कुरान की पांच प्रतियों को बाटें जाने के आदेश को बदलते हुए कोर्ट ने कहा कि ऋचा को बिना किसी शर्त के नियमित जमानत दी जाती है. बता दें कि इससे पहले कोर्ट के आदेश के अनुसार, ऋचा को कुरान की पांच प्रतियां रांची के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में बांटनी थी और इस काम को 15 दिन में पूरा करके अदालत को इसकी जानकारी देनी थी. कोर्ट ने कहा था कि अगर इस आदेश की अवहेलना की गई तो जमानत रद्द हो सकती है. अदालत के इस फैसले के बाद सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद ऋचा जेल से बाहर आ गई.

दरअसल, इससे पहले सोमवार को ही न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने कोर्ट में कुरान की पांच प्रति बांटने के शर्त पर ऋचा भारती को जमानत दी थी, अदालत द्वारा सुनाई गई इस अनोखी सजा पर जमकर बवाल भी हुआ. कुरान पर मचे बवाल के बीच ऋचा ने भी कुरान बांटने से इंकार कर दिया था.

ऋचा भारती को नहीं बांटने पड़ेंगे 5 कुरान- 

ऋचा ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि कुरान बांटने का आदेश उसे सही नहीं लग रहा है. आज अदालत कुरान बांटने को कह रही है, कल नमाज पढ़ने को कहेगी, फिर इस्लाम कबूल करने के लिए कहेगी. ऋचा ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी. इसके साथ सफाई देते कहा की मैंने किसी धर्म का अपमान नहीं किया है, सोशल साइट्स पर इस तरह के हजारों पोस्ट भरे पड़े हैं और क्या सोशल मीडिया पर अपने धर्म के बारे में लिखना को अपराध है? यह भी पढ़ें: रांची: आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार छात्रा को अदालत ने दी अनोखी सजा, कुरान बांटने का दिया आदेश

बता दें कि न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह के 5 कुरान की प्रति बांटने के इस अजीबोगरीब आदेश के बाद बुधवार को रांची जिले के वकीलों ने आंदोलन किया और उनकी अदालत का बहिष्कार किया. वकीलों ने जज की ओर से दिए गए इस तरह के आदेश की जमकर आलोचना की. वकीलों के अलावा कई संगठन भी कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ खड़े नजर आए. कुरान पर मचे इस बवाल के बाद आखिरकार कोर्ट को अपना फैसला बदलना पड़ा.

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर धार्मिक पोस्ट करने के मानले में अंजुमन इस्लामिया के प्रमुख मंसूर खलीफा ने पिठोरिया थाने में 12 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ऋचा के फेसबुक और वॉट्सऐप पोस्ट से मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है. इस शिकायत के बाद पुलिस ने 12 जुलाई की शाम ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने कुरान की पांच प्रति बांटने की शर्त पर ऋचा को जमानत दी थी.