प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की 27 सितंबर को घोषणा करेंगे  PM Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 23 सितम्बर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 27 सितंबर को देश भर में प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शुरू करने की घोषणा करेंगे. फ्लैगशिप योजना का उद्देश्य देश भर में स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल बनाना है, जिससे एक देशव्यापी डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा सके, जो मरीजों को अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डॉक्टरों और उनकी पसंद की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ साझा करने, एक्सेस करने और सहमति देने में सक्षम बनाएगा. यह भी पढ़े: पीएम Narendra Modi ने राष्ट्रकवि Ramdhari Singh Dinkar को दी श्रद्धांजलि

पीएमडीएचएम का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य आईडी के साथ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अद्वितीय पहचानकर्ता, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड और टेलीमेडिसिन तथा ई-फामेर्सी, अन्य घटकों के साथ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा तैयार करना है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पीएम डिजिटल स्वास्थ्य मिशन एक कुशल, सुलभ, समावेशी, किफायती और सुरक्षित तरीके से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करेगा. पीएमडीएचएम के तहत डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा.

भारत के छह केंद्र शासित प्रदेशों - अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में पहले से ही पीएमडीएचएम की पायलट योजना है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इसके तहत लोगों को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी प्रदान की जाएगी, जिसमें व्यक्ति के सभी स्वास्थ्य रिकॉर्ड होंगे. पीएमडीएचएम के तहत प्रदान की गई डिजिटल हेल्थ आईडी में नागरिक के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के सभी विवरण होंगे. इससे पहले दिन में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पोस्ट कोविड प्रबंधन पर राष्ट्रीय व्यापक दिशानिर्देश जारी किए. दिशानिर्देश लंबी अवधि के लिए पूर्ण पोस्ट कोविड स्वास्थ्य देखभाल मार्गदर्शन प्रदान करेंगे. ये मॉड्यूल कोविड के दीर्घकालिक प्रभावों से निपटने के लिए पूरे भारत में डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और सामुदायिक हेल्थ वर्कर्स की क्षमता के निर्माण में मदद करेंगे.