![Ghulam Nabi Return To Congress? गुलाम नबी आजाद की हो सकती है कांग्रेस में वापसी! 4 माह पहले भला बुरा बोलकर छोड़ दी थी पार्टी Ghulam Nabi Return To Congress? गुलाम नबी आजाद की हो सकती है कांग्रेस में वापसी! 4 माह पहले भला बुरा बोलकर छोड़ दी थी पार्टी](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2022/09/dbshfvsdhfvg-380x214.jpg)
Ghulam Nabi Return To Congress ?, नई दिल्ली, 30 दिसम्बर: कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और पार्टी नेतृत्व पर हमला किया था, उनकी पार्टी में वापसी हो सकती है, कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी में उनकी वापसी के लिए सौहार्दपूर्ण फॉर्मूले के लिए पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं. हालांकि, न तो आजाद खेमे के सूत्रों ने और न ही कांग्रेस ने इसकी पुष्टि की है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि पार्टी में सत्ता परिवर्तन और हिमाचल प्रदेश में हालिया जीत ने दोनों गुटों को अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. BJP ने कांग्रेस पर साधा निशाना,कहा- मनमोहन सिंह को पीएम और मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष बनाकर गांधी परिवार ने कार्यकर्ताओं के साथ किया छल
हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनावों से पहले, आजाद ने कहा था कि केवल कांग्रेस ही बीजेपी से लड़ सकती है, आप नहीं, और तब दिग्विजय सिंह ने उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. हाल ही में आजाद ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बीजेपी से मतभेद जाहिर किया था.
आजाद ने अपनी पार्टी बना ली है और अपने गृह राज्य के दौरे पर हैं. जैसा कि भारत जोड़ो यात्रा उनके राज्य कश्मीर में प्रवेश करने वाली है, अगर चीजें अनुकूल रहीं, तो वह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं. आजाद को छोड़कर, जी-23 नेता आनंद शर्मा, अखिलेश प्रसाद सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी अभी भी पार्टी में हैं और उन्हें पार्टी में प्रमुखता दी गई है. शर्मा, हुड्डा और तिवारी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रस्तावित किया था और यहां तक कि जब उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष चुनाव लड़ा था तब उन्होंने उनके पक्ष में मतदान किया था.
पार्टी आलाकमान के साथ अपने मतभेदों के बाद आजाद ने अगस्त में इस्तीफा दे दिया था और राहुल गांधी को निशाना बनाया था. वह 1970 के दशक के मध्य में कांग्रेस में शामिल हुए थे और पार्टी और सरकार दोनों में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री थे.
वह 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित अपने त्याग पत्र में, आजाद ने कहा था, आप जानते हैं कि दिवंगत श्रीमती इंदिरा गांधी, स्वर्गीय श्री संजय गांधी से लेकर आपके दिवंगत पति सहित आपके परिवार के साथ मेरा बेहद करीबी रिश्ता था. उस भावना में, आपके लिए भी मेरे मन में बहुत व्यक्तिगत सम्मान है जो हमेशा जारी रहेगा.