दिल्ली सरकार 72,00 परिवारों को देगी आवंटित की गई भूमि का मालिकाना हक
अरविंद केजरीवाल (Photo Credit- Twitter)

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार ने उन 72,000 परिवारों को उनकी भूमि का मालिकाना हक देने की तैयारी कर ली है, जिन्हें 70 के दशक में भूमिहीन लोगों को एक कार्यक्रम के तहत खेती के लिए दिया गया था. अधिकारियों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान 1975-76 में ‘20-सूत्री कार्यक्रम’ के तहत करीब 12,500 भूमिहीन परिवारों को दिल्ली में खेती के लिए जमीन दी गई थी.

दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने ‘पीटीआई- भाषा’ से कहा, ‘‘उस समय, दिल्ली में 360 गांव थे. करीब 12,500 परिवारों को इन गांवों में एकड़ या उससे कम जमीन दी गई थी.’’

"असामी" या पट्टेदार के रूप में मान्यता प्राप्त इन परिवारों को भूमि के स्वामित्व के लिए राजस्व विभाग में आवेदन दायर करना था.

अधिकारी ने दावा किया कि उनमें से कुछ ने नौकरशाही प्रक्रिया के इर्द-गिर्द का रास्ता खोज अपनी जमीन पर मालिकाना हक हासिल कर लिया, जबकि अन्य, विशेष तौर पर अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग, बिना जमीन के रह गए क्योंकि ‘‘ उनके पास अधिकारियों को रिश्वत देने के पैसे नहीं थे.’’

गौतम ने कहा, ‘‘अधर में छोड़ दिए जाने पर, इन परिवारों को अभी तक कोई भूमि नहीं मिली है. राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए, नई आवास एवं बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. इसलिए उन्हें निकाले जाने का खतरा है.’’

मंत्री ने कहा कि एजेंसियों के सरकारी परियोजनाओं के लिए इनकी जमीन का अधिग्रहण करने पर मालिकाना हक वाले लोगों को अच्छा मुआवजा मिलता है. आर्थिक अवसर प्राप्त करने में इनकी पहुंच है, जबकि दिल्ली के 89 गांव के इन 72,000 परिवारों पर बिना किसी मुआवजे के खदेड़े जाने का खतरा मंडरा रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ ये परिवार पिछले 40 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. दिल्ली सरकार ने करीब डेढ साल पहले इसके लिए एक विशेष सत्र का भी आयोजन किया था.’’ गौतम ने कहा कि देश में ‘20-सूत्री कार्यक्रम’ के तहत भूमि अधिकार दिए जाते हैं, केवल दिल्ली ही इसमें पीछे है. मंत्रियों, मुख्य सचिव विजय देव, जिला मजिस्ट्रेट और प्रधान सचिव (राजस्व) के बीच हाल ही में हुई बैठक में लंबित मामलों को जल्द निपटाने का आदेश दिया गया था.