बिहार (Bihar) सरकार पर अब उसके गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने ही सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. दरअसल, बीजेपी सांसद गोपाल नारायण सिंह (Gopal Narayan Singh) ने बुधवार को कहा कि लालू (Lalu) जी के समय से आज तक बिहार में मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. तब से डॉक्टरों की कमी है, न तो सरकार ने ध्यान दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा देने से कुछ हल नहीं होता, यह बिहार सरकार की कमजोरी है. ज्ञात हो कि मस्तिष्क ज्वर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हुए चौंकाने वाले खुलासे में राज्य सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत 12,206 पदों के लिए सिर्फ 5,205 डॉक्टर ही तैनात हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दिये गए हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत क्षमता 19,155 के मुकाबले सिर्फ 5,634 नर्सें ही तैनात हैं. अदालत ने 24 जून को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण और साफसफाई को लेकर एक हफ्ते में मौजूदा स्थिति से उसे अवगत कराए. मुजफ्फरपुर में मस्तिष्क ज्वर से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया था.इस बीमारी के संदर्भ में राज्य सरकार ने कहा कि कुल 824 मामले सामने आएं हैं और कुल 157 मौत हुई हैं. यह भी पढ़ें- बिहार: 'नीतीश हटाओ-भविष्य बचाओ' पदयात्रा पर निकले उपेंद्र कुशवाहा, CM के इस्तीफे की कर रहे मांग
Gopal Narayan Singh,BJP MP: From Lalu ji's time till today there has been no improvement in condition of medical colleges in Bihar.There is shortage of doctors since then,neither has Govt paid attention.Filing affidavit in SC doesn't solve anything,it is weakness of Bihar Govt pic.twitter.com/HruBqEbX8J
— ANI (@ANI) July 3, 2019
इसमें हालांकि कहा गया कि यह नहीं पता कि मस्तिष्क ज्वर से हुई मौत के 215 मामलों में से 24 इस बीमारी से हुई हैं या नहीं. बिहार सरकार ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों और नर्सों के क्रमश: 57 और 71 फीसद पद खाली हैं.
भाषा इनपुट