प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) लॉकडाउन के चौथे चरण (Lockdown 4.0) के बीच चक्रवात अम्फान (Cyclone Amphan) के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) की यात्रा करेंगे. वह हवाई सर्वेक्षण करेंगे और समीक्षा बैठकों में हिस्सा लेंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई के अपडेट के मुताबिक, इससे पहले पीएम मोदी की अंतिम यात्रा 29 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और चित्रकूट की थी. प्रधानमंत्री 83 दिनों के बाद दौरे पर जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री की इस यात्रा का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान के प्रभाव को कम करने के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों के पहलुओं पर चर्चा करना भी है. चक्रवात अम्फान ने बुधवार को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों को हिला कर रख दिया. अम्फान से अभी तक 72 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. यह भी पढ़ें- Cyclone Amphan के कारण भारत और बांग्लादेश में 1.9 करोड़ लाख बच्चे खतरे में: यूनिसेफ.
पीएम मोदी लेंगे स्थिति का जायजा-
Prime Minister Narendra Modi's last visit was to Prayagraj and Chitrakoot in Uttar Pradesh on February 29. PM Modi is going on a tour after 83 days (almost 3 months). https://t.co/J0jZ5dEuzR
— ANI (@ANI) May 22, 2020
प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा- बंगाल में तूफान से हुई तबाही की तस्वीरें देखीं. पूरा देश मजबूती के साथ बंगाल के साथ खड़ा है. राज्य के लोगों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. प्रभावितों की मदद में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी की योजना के अस्थायी कार्यक्रम के अनुसार, वह लगभग 10:45 बजे कोलकाता के दम दम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. जिसके बाद, वह चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए हेलीकॉप्टर में बशीरहाट जाएंगे.
प्रधानमंत्री 11:20 बजे राज्य सरकार और जिला अधिकारियों के साथ बशीरहाट में एक बैठक में भाग लेंगे. फिर 1:30 बजे, प्रधानमंत्री मोदी वहां की स्थिति का आकलन करने के लिए ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए कोलकाता रवाना होंगे.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात में मरने वालों के परिवारों को 2.5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की. अम्फान ने तेज हवाओं सहित भारी क्षति का कारण बना, जिसमें सैकड़ों पेड़ क्षतिग्रस्त, संचार और बिजली ट्रांसमिशन पोल उखड़ गए और सड़क, फसलों और वृक्षारोपण को व्यापक नुकसान पहुंचा.