नई दिल्ली: विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के बारे में खबर थी कि मलेशिया पुलिस द्वारा उसका प्रत्यर्पण करने के बाद आज देर रात भारत लाया जाएगा. लेकिन जाकिर नाइक ने भारत आने की खबर को पूरी तरह से आधारहीन और झूठा बताया है. जाकिर नाइक द्वारा जारी एक बयान के अनुसार वह तब तक भारत नहीं आएगा जब तक वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाता कि भारत सरकार उसके खिलाफ बिना किसी भेदभाव का फैसला करेगी .
जाकिर नाईक पेशे से एक डॉक्टर हैं. उसने 1991 में धर्म का प्रचार शुरू किया और मुंबई में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक एक संस्था की स्थापना की. 2006 में जब नाईक से पूछा गया कि वे धर्म प्रचारक कैसे बने, तो उन्होंने बताया था कि दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध उपदेशक और धर्मों के प्रमुख मुनाज़िर अहमद दीदात से प्रभावित होने के बाद धर्म प्रचारक बने. वहीं, नाइक ने भारत लौटने की खबर को गलत बताया.
The news of my coming to India is totally baseless and false. I have no plans to come to India till I don't feel safe from unfair prosecution. Insha Allah when I feel that the government will be just and fair, I will surely return to my homeland: Zakir Naik statement (File pic) pic.twitter.com/mrM8ApGAnv
— ANI (@ANI) July 4, 2018
नाइक कब आया चर्चा में
विवादित धर्म प्रचारक जाकिर नाईक 2016 में सुर्खियों में तब आए, जब इस बात का खुलासा हुआ कि ढाका के चर्चित कैफे पर एक जुलाई 2016 को हमला करने वाले आतंकियों में दो उसके भाषणों से प्रेरित हुए थे. मारे गए आतंकियों में शामिल बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेता का पुत्र रोहन इम्तियाज ने फेसबुक पर जारी एक संदेश में पीस टीवी के धर्म प्रचारक नाईक का हवाला दिया था, जिसमें नाईक ने सभी मुसलमानों से आतंकी बन जाने का आग्रह किया था.
बता दें कि विवादों में आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने मार्च 2017 में धनशोधन रोकथाम कानून के तहत नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की 18.37 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी. जब्त की गई इस संपत्ति में म्यूचुअल फंड, बैंक खातों में जमा रकम और अचल संपत्तियां शामिल हैं.