विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (MEA Raveesh Kumar) ने रविवार को कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी की फाइनल लिस्ट (Final NRC List) में नहीं हैं, उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा. उनके अधिकारों (Rights) को नहीं छीना जाएगा, जब तक कानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्प खत्म नहीं हो जाते. उन्होंने कहा कि असम सरकार (Government of Assam) ने एनआरसी लिस्ट में छूट गए किसी भी व्यक्ति को मुफ्त कानूनी सहायता (Legal Assistance) देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि फाइनल एनआरसी को लेकर विदेशी मीडिया में कुछ बातें कही जा रही हैं, जो गलत हैं.
Raveesh Kumar, MEA: There have been some commentaries in the sections of the foreign media about aspects of final NRC which are incorrect. Govt of India signed the Assam Accord in 1985 with a promise to take care the interest of the citizen of Assam. pic.twitter.com/PYpOcALRGG
— ANI (@ANI) September 1, 2019
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने साल 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे कि असम के नागरिकों की देखभाल कर सकें. यह भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र ने भारत से किया अनुरोध, एनआरसी जारी होने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्र विहीन न हो.
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#WATCH Raveesh Kumar, MEA: For those who are not in the final #NRCList will not be detained and will continue to enjoy all the rights as before till they have exhausted all the remedies available under the law. It does not make the excluded person 'stateless'. pic.twitter.com/coppV1rPgK
— ANI (@ANI) September 1, 2019
गौरतलब है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई. एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.