जयपुर: पाकिस्तान (Pakistan) से आया टिड्डी (Locust) दल गुजरात (Gujarat) के बाद अब राजस्थान (Rajasthan) में खूब तांडव मचा रहा है. कई जिलों में सरसों, गेहूं समेत रबी की फसले नष्ट हो गई है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर अपील की है की पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों के साथ मिलाकर इस मुसीबत से निपटने के लिए उपाय किए जाए. साथ ही राज्य में टिड्डियों से निपटने के लिए केंद्रीय टीम भेजी जाएं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से पत्र के जरिए आग्रह किया है कि पड़ोसी देशों के संबंधित संगठनों को टिड्डी नियंत्रण के कारगर प्रयास करने के लिए कहा जाए ताकि इनकी उत्पत्ति पर अंकुश लगे और उद्गम स्थल पर ही टिड्डी दलों को रोकना संभव हो सके. पाकिस्तान की सीमा से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जालोर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ आदि जिलों में टिड्डी दलों का आगमन लगातार जारी है. राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत ने की 25 नए राजकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा
Have written a letter to the PM Shri Narendra Modi for help in effective control of locusts in several districts of #Rajasthan. Requested the Prime Minister that the Union Government should coordinate with neighbouring countries, including Pakistan, for control of #locusts.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
राज्य सरकार जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन से लगातार संपर्क रखते हुए टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय कर रही है. लेकिन फसलों पर मंडराते हुए खतरे को तभी कम किया जा सकता है, जब पाकिस्तान तथा उसके निकटवर्ती अन्य पश्चिमी देशों में भी टिड्डी नियंत्रण के गंभीर प्रयास किए जाएं.
The neighbouring countries should be suggested to take effective measures so that birth of locusts could be controlled and growth of the pests could be terminated at their origin itself. The districts at international border with Pakistan are under heavy attack of the #locusts.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस साल मई माह से टिड्डी दलों का आना प्रारम्भ हुआ. सामान्यतः अक्टूबर माह में इनकी सक्रियता कम हो जाती है लेकिन इस बार उनका प्रकोप अभी भी बना हुआ है. टिड्डियों का ऐसा प्रकोप 26 साल बाद देखा गया है. इनसे किसानों की फसलों तथा अन्य वनस्पति को नुकसान का खतरा बना हुआ है.
इससे पहले टिड्डियों ने गुजरात के बनासकांठा, मेहसाणा, कच्छ, पाटन और साबरकांठा जिलों में सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं और जतरोफा जैसी फसलों को खूब नुकसान पहुंचाया है. इस समस्या से निपटने के लिए गुजरात में केंद्र सरकार ने 11 टीमें भेजी. उधर, किसानों की नुकसान की भरपाई के लिए गुजरात सरकार ने मुआवजे का ऐलान भी किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)