भारत इस वक्त कोरोना वायरस से ऐसी जंग लड़ रहा है. भारत के कई राज्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. लगातार वायरस के संक्रमण में इजाफा हो रहा है. इस कोरोना वायरस पूरे विश्व को खौफजदा कर रखा है. लेकिन इस संकट की घड़ी में भारत सरकार जिस तरह से एक साहसिक लड़ाई लड़ रही है उसकी तारीफ दुनियाभर में हो रही है. कोरोना वायर की शुरुवात सबसे पहले भारत में केरल राज्य से हुई थी. जहां कोरोना वायरस संक्रमित पहला शख्स मिला था. उसके बाद केरल वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में पहले स्थान पर था. लेकिन केरल सरकार ने जिस तरह से कोरोना वायरस के प्रकोप को कंट्रोल किया वह काबिले तारीफ है. उसकी सराहना अब चारोतरफ हो रही है. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केरल की सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है.
दरअसल केरल के सीएम ने घोषणा की कि राज्य में सभी चुने हुए प्रतिनिधि- विधायक, सरकार के तहत विभिन्न बोर्डों के सदस्य और स्थानीय स्व-सरकारी निकायों के सदस्यों के मासिक वेतन और मानदेय में 30% की कटौती करने का फैसला लिया है. यह कटौती 1 साल तक की जाएगी. केरल से पहले कई राज्यों की सरकारों ने नेताओं की सैलरी में कटौती का आह्वान कर चुके हैं. फिलहाल केरल में 11 और मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के साथ ही बुधवार को प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ कर 437 हो गयी है.
ANI का ट्वीट:-
Kerala CM announced that all elected representatives in the state -Ministers, MLAs, members of different Boards under Govt & members of Local Self Govt bodies would take a 30% cut in their monthly salary & honorarium for 1 yr: Information & Public Relations Dept, Kerala #COVID19 pic.twitter.com/fjLp7P3yOn
— ANI (@ANI) April 23, 2020
बता दें कि इससे पहले आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार ने मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों सहित अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की घोषणा की थी. आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मरीजों की बढती संख्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों की 100 फीसद सैलरी नहीं मिलेगी. जबकि एमएलसी, निगम सदस्यों, स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का भी वेतन नहीं दिया जाएगा.