कर्नाटक का सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बागी विधायकों की खींचतान जारी है. बागी विधायकों को मनाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेता हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. वहीं, बागी विधायक इस्तीफा वापस न लेने पर अड़े हुए हैं. विधानसभा स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट कहीं से भी स्थिति अभी तक साफ नहीं हुई है. विश्वासमत प्रस्ताव को लेकर कर्नाटक के विधानसभा स्पीकर आज फैसला ले सकते हैं. स्पीकर आज विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं सोमवार को कांग्रेस-जेडीएस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी विधायकों को तलब किया गया है.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा है कि अब पांच बागी विधायकों की याचिका पर मंगलवार को मुख्य याचिका के साथ सुनवाई होगी. कर्नाटक कांग्रेस के 10 और विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है. कांग्रेस के बागी सभी 15 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के खिलाफ आरोप लगाया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है.
Supreme Court said we would likely hear the case of five rebel MLAs-K Sudhakar, Roshan Baig, MTB Nagaraj, Muniratna and Anand Singh, tomorrow along with the main petition which is pending before us. https://t.co/K41XKTZ6Jt
— ANI (@ANI) July 15, 2019
सियासी हालत की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है. वहीं कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से इस्तीफा मांगा है. वहीं स्पीकर के फैसले पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. येदियुरप्पा का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं है. बीजेपी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी सोमवार को राज्य की JDS-कांग्रेस सरकार का बहुमत साबित करें.
Parliamentary Affairs Min Pralhad Joshi on #Karnataka political situation: We stand by our demand(of floor test). Behaviour of Assembly speaker & CM is highly uncalled for & unacceptable. When the MLAs have personally handed Speaker their resignations, what inquiry does he want? pic.twitter.com/brhhYTzhR8
— ANI (@ANI) July 15, 2019
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि बीजेपी कर्नाटक में बहुमत परीक्षण की अपनी मांग पर कायम है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर का आचरण संसदीय परंपराओं के अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा कि ये आचरण स्वीकार्य नहीं है. प्रहलाद जोशी ने कहा कि जब विधायकों ने खुद अपना इस्तीफा सौंपा है तो अब जांच की क्या जरूरत है.
इस बीच कांग्रेस गठबंधन सरकार बचाने की हर संभव प्रयास कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री डी. के. शिवकुमार ने बागी विधायकों को उनकी मांगें पूरी करने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने बागी विधायकों से कहा कि अगर वे अपना इस्तीफा वापस ले लेते हैं और विधानसभा के चालू सत्र में हिस्सा लेते हैं तो उनकी मांगें पूरी की जाएंगी. शिवकुमार ने कहा, "बागी विधायक अगर अपना इस्तीफा वापस ले लेते हैं और सोमवार से सत्र में हिस्सा लेते हैं तो पार्टी उनकी मांगें पूरी करने के लिए तैयार है."