चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद गुरुवार को परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. शहर में लगातार लोगों का प्रदर्शन जारी है. स्थिति बेहदचिंताजनक होने के बाद अब कल यानी शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ जाएंगे और हालात का जायजा लेंगे. Joshimath Sinking: धंस रही जमीन, धरती से निकल रहें फव्वारें, मकानों में दरारें, डूबने वाला है पूरा शहर!
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'जोशीमठ में भूस्खलन और मकानों में आई दरारों को लेकर मैं आज शाम देहरादून में शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करूंगा. मैं कल जोशीमठ जाऊंगा और स्थिति का जायजा लूंगा. बीजेपी की एक टीम भी वहां भेजी गई है.'
सीएम धामी कल लेंगे हालात का जायजा
I will hold a high-level meeting with top officials in Dehradun this evening regarding landslides in Joshimath and cracks in houses. I will visit Joshimath tomorrow and take stock of the situation. A team from BJP has also been sent there: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/Ah9Si7CbHF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और वह हालात का जायजा लेने स्वयं वहां जाएंगे. भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आने वाले इस शहर का सर्वे करने के लिए विशेषज्ञों का एक दल भी गठित किया गया है.
इस बीच चमोली प्रशासन ने ‘‘डूबते’’ शहर में और उसके आसपास सभी निर्माण गतिविधियों पर गुरुवार को प्रतिबंध लगा दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में प्रशासन के बेपरवाही वाले रवैये और ‘‘एनटीपीसी की परियोजना जिसकी वजह से समस्या पैदा हुई है.
शेल्टर में रहने को मजबूर लोग
Uttarakhand | District administration rescue operation underway after continuous landslides in Joshimath. Shelter homes arranged for people whose houses were affected due to landslides (05.01) pic.twitter.com/3TSP07pxRx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने बताया कि लोग प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए और उन्होंने चक्का जाम किया. इस दौरान व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) अभिषेक त्रिपाठी धरना दे रहे आंदोलनकारियों को मनाने पहुंचे, लेकिन उनसे कहा गया कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों पर निर्णायक कार्रवाई नहीं हो जाती.
लोगों की इन मांगों में रहवासियों का पुनर्वास, हेलांग और मारवाडी के बीच एनटीपीसी की सुरंग और बाइपास रोड का निर्माण बंद करना और इस आपदा की जिम्मेदारी एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना पर तय करना आदि हैं.
जिला प्रशासन ने बाद में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा हेलांग बाईपास के निर्माण, तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना के कार्य और नगर पालिका द्वारा किए जाने वाले अन्य निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी.
एनटीपीसी और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) को भी प्रभावित परिवारों के लिए अग्रिम रूप से 2,000 प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने के लिए कहा गया है. जिला प्रशासन प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने कहा कि अब तक घरों में दरारें पड़ने के बाद जोखिम में रह रहे 47 परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीयूष रौतेला, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) के डिप्टी कमांडेंट रोहिताश्व मिश्रा और भूकंप न्यूनीकरण केंद्र के शांतनु सरकार और आईआईटी-रुड़की के प्रोफेसर बीके माहेश्वरी सहित वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने जोशीमठ का दौरा किया और स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की/
एन के जोशी ने कहा कि स्थिति का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है और विशेष रूप से जोखिम वाले घरों की पहचान की जा रही है. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस को सतर्क रहने को कहा गया है.
राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड के मार्ग पर 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित शहर भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है. विभिन्न इलाकों में अब तक 561 मकानों में दरारें आ चुकी हैं, जिनमें रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और लोअर बाजार में 24 मकान शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि अलग-अलग 47 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि जिन स्थानों पर परिवारों को स्थानांतरित किया गया है उनमें नगर पालिका भवन, एक प्राथमिक विद्यालय भवन, मिलन केंद्र और जोशीमठ गुरुद्वारा शामिल हैं. उन्होंने बताया कि कुछ परिवार अपने संबंधियों के यहां चले गए हैं.