लखनऊ: देशभर में आज वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया, जो गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों की शहादत को याद करते हुए मनाया जाता है. इस पावन अवसर पर लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर ऐतिहासिक समागम का आयोजन हुआ, जिसमें 11,000 सहज पाठ भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भाग लिया और श्रद्धांजलि अर्पित की.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर की तस्वीरें अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा कीं. उन्होंने लिखा, "वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप का आगमन हुआ. गुरु श्री गोबिंद सिंह महाराज के चार साहिबजादों का अतुलनीय बलिदान मातृभूमि और स्वधर्म की रक्षा हेतु सभी को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा."
वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप का आगमन हुआ।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों का अतुलनीय बलिदान मातृभूमि और स्वधर्म की रक्षा हेतु सभी को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। pic.twitter.com/MvkXcaGCE3
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 26, 2024
योगी ने साहिबजादों के बलिदान को भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा,
"देश, धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए महान बलिदान देने वाले गुरु श्री गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस ‘वीर बाल दिवस’ (साहिबजादा दिवस) पर उन्हें शत-शत नमन! यह गौरव गाथा भारतीय समाज को धर्म, नैतिकता और देशभक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करती है."
#WATCH लखनऊ: वीर बाल दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप का आगमन कराया।
उनके लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर ऐतिहासिक समागम एवं 11,000 सहज-पाठ का शुभारंभ हुआ। pic.twitter.com/nDX9KqF4fO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2024
वीर बाल दिवस का महत्व
भारत सरकार ने 2022 में हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. यह दिन खालसा पंथ के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को सम्मानित करता है.
वीर बाल दिवस मुख्य रूप से छोटे साहिबजादों, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के बलिदान को समर्पित है, जिन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए 26 दिसंबर 1705 को अपने प्राणों की आहुति दी. गुरु जी के साहिबजादों की वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और धर्म के प्रति समर्पण का संदेश देते रहेंगे.
श्रद्धांजलि और प्रेरणा
वीर बाल दिवस न केवल श्रद्धांजलि का दिन है, बल्कि यह समाज को धर्म, नैतिकता और देशभक्ति के मूल्यों पर चलने की प्रेरणा भी देता है. इस दिन आयोजित कार्यक्रमों और सहज पाठों के माध्यम से साहिबजादों के महान बलिदान की गाथा को जीवंत किया जाता है.