IRCTC: नए साल के आगाज के साथ भारतीय रेल अपने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव कर रहा है. इसी क्रम में ट्रेनों में सफर को आरामदायक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर एलएचबी कोचों के लगाने का काम भी होगा. सबसे बड़ा बदलाव रेलवे की साइड लोअर बर्थ (Side Lower Berth) में देखने को मिलेगा. जबकि एलएचबी कोच लगने पर सीटों के बीच की जगह बढ़ने के साथ ही ट्रेनों में कुल सीटों की संख्या में भी इजाफा होगा. Jammu-Kashmir: कटरा और रियासी के बीच बन रहा है देश का पहला आर्च रेल ब्रिज, निर्माण कार्य जोरों पर
मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे ने साइड लोअर बर्थ को बिल्कुल नए अवतार में लगाने की योजना बनाई है. वर्तमान में यह बर्थ दो सीटों को जोड़कर बनती है, लेकिन अब इसमें एक नया अलग से स्लैब दिया जायेगा. जिसके इस्तेमाल से दोनों सीटों के बीच का गैप खत्म हो जाएगा और यात्रियों को बैठने में आराम हो जाएगा. यह बर्थ विशेषतौर पर आरएससी (RAC) वाले यात्रियों को आवंटित किये जाते है. दरअसल साइड लोअर बर्थ को नए रूप में लाने की मुख्य वजह यात्रियों का सफर बेहतर बनाना है. क्योकि पुराने ICF (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच में फोल्डिंग वाली बर्थ होती थी, जिसके कारण यात्रियों को पीठ दर्द से जूझना पड़ता था.
नए साल के पहले दिन से हबीबगंज से हजरत निजामुद्दीन के बीच चलने वाली शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस में केवल एलएचबी कोच होंगे. जबकि आरएससी सीट के साथ ही बाकि सीटों के और गद्देदार होने से यात्रियों को सफ़र का नया अनुभव मिलेगा. वहीं, हबीबगंज से जबलपुर के बीच चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन गुरुवार (24 दिसंबर) से आरामदायक एलएचबी कोच के साथ शुरू हुआ.
लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में पुराने डिब्बों के स्थान पर आधुनिक एलएचबी डिब्बे लगाए जा रहे है. एलएचबी कोच बेहतर सुरक्षा विशेषताओं और बेहतर यात्रा अनुभव के साथ बेहतर सस्पेंशन प्रणाली और यात्रा की बेहतरीन सुविधाओं से लैस होते हैं. यह कोच को जर्मनी की लिंक हॉफमैन बुश (Linke Hofmann Busch) कंपनी की मदद से रेलवे ने तैयार किया है.