Adani Power And Green Energy Share Price: अडानी पावर और अडानी ग्रीन एनर्जी, जानिए क्यों चर्चा में हैं ये दो स्टॉक्स, जानें शेयर बाजार में आज का हाल

आज के शेयर बाजार में अडानी समूह की दो प्रमुख कंपनियां, अडानी पावर लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, विशेष रूप से सुर्खियों में हैं. इसका मुख्य कारण महाराष्ट्र स्टेट डिस्कॉम (MSEDCL) द्वारा जारी किया गया 6,600 मेगावाट हाइब्रिड सोलर और थर्मल पावर की आपूर्ति के लिए पत्र (LOI) है. इस सौदे के तहत, अडानी ग्रीन एनर्जी 5,000 मेगावाट सोलर पावर की आपूर्ति खवड़ा से करेगी, जबकि अडानी पावर 1,496 मेगावाट (नेट) थर्मल पावर की आपूर्ति अपनी नई 1,600 मेगावाट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल क्षमता से करेगी.

दुनिया की सबसे बड़ी सोलर पावर डील

अडानी पावर और अडानी ग्रीन एनर्जी महाराष्ट्र स्टेट डिस्कॉम (MSEDCL) के साथ अलग-अलग अनुबंध साइन करेंगे, जैसा कि टेंडर की शर्तों में उल्लेखित है. यह डील सोलर पावर की वैश्विक स्तर पर अब तक की सबसे बड़ी क्षमता पुरस्कारों में से एक मानी जा रही है. अडानी ग्रीन ने इससे पहले 2020 में एक बड़ी ग्रीन पावर डील हासिल की थी, और यह नया टेंडर इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है. वहीं, थर्मल पावर क्षमता की यह डील भारत की सबसे बड़ी है.

प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से सफलता

MSEDCL ने 1,600 मेगावाट थर्मल और 5,000 मेगावाट सोलर पावर की संयुक्त खरीद के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया आयोजित की थी, जिसमें अडानी पावर को 6,600 मेगावाट की क्षमता हासिल हुई. इस प्रक्रिया के तहत अडानी पावर ने थर्मल और सोलर दोनों पावर के लिए बोली लगाई. अडानी पावर ने अडानी ग्रीन एनर्जी की ओर से 5,000 मेगावाट सोलर पावर के लिए बोली लगाकर समूह की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता और ताकत का लाभ उठाया.

कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया

हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस डील पर आपत्ति जताई है. उनका आरोप है कि यह डील महायूति सरकार द्वारा की गई "धांधली" का नतीजा है, और उन्होंने इसे आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार की संभावित हार से जोड़कर देखा है.

अडानी पावर और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में उछाल

वर्ष 2024 में अब तक अडानी पावर के शेयरों (Adani Power Limited Share Price) में 21 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर (Adani Green Energy Limited Share Price) 12 प्रतिशत तक ऊपर गए हैं. यह वृद्धि दर्शाती है कि निवेशक इस डील को लेकर आशावान हैं और इसे कंपनियों की दीर्घकालिक सफलता के रूप में देख रहे हैं.

25 साल का बिजली आपूर्ति समझौता

अडानी पावर को यह थर्मल क्षमता "डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन" (DBFOO) आधार पर दी गई है, जिसके लिए कोयला आपूर्ति शाक्ति नीति के तहत आवंटित की गई है. इस डील के तहत अडानी पावर 1,496 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए MSEDCL के साथ 25 साल का बिजली आपूर्ति समझौता करेगी. थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट (800 मेगावाट) से बिजली की आपूर्ति साढ़े तीन साल बाद शुरू होगी, जबकि दूसरी यूनिट (800 मेगावाट) चार साल बाद चालू होगी.

सोलर पावर: 2.70 रुपये प्रति किलोवाट की दर

सोलर पावर की आपूर्ति 25 साल की अवधि के लिए 2.70 रुपये प्रति किलोवाट की दर से की जाएगी. अडानी ग्रीन की सोलर परियोजनाओं को इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम से जोड़ा जाएगा और अगले तीन साल में इन परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा.

अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक, सागर अडानी ने कहा, "अडानी ग्रीन 50 गीगावाट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है, जिसमें हमारे पास रणनीतिक स्थानों पर समृद्ध संसाधन, मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और स्पष्ट निष्कासन योजनाएँ हैं."

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. इसमें उल्लिखित कंपनियों या शेयर बाजार की स्थितियों से संबंधित सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है. निवेश से जुड़े किसी भी निर्णय से पहले आपको अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए. लेखक या प्रकाशक इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते हैं और किसी भी प्रकार की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे.