नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से भारत और चीन (China) की सेनाओं के हटने का सिलसिला जारी है. इस बीच शुक्रवार को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 16वीं बैठक आयोजित की गई. भारतीय और चीनी अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में पीछे हटने के लिए कूटनीतिक वार्ता की.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया था, जबकि चीन के विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए एक बयान जारी कर बताया कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी शांति बनाए रखना आवश्यक है. इस दौरान एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में चल रही विघटन प्रक्रिया में प्रगति सहित भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की गई. भारत-चीन सीमा विवाद पर चीनी राजदूत सुन वीदोंग का बड़ा बयान, कहा- बातचीत से हो इस संवेदनशील और जटिल मुद्दे का समाधान
16th meeting of Working Mechanism for Consultation & Coordination on India-China border affairs was held today. Indian delegation was led by Joint Secy (East Asia) while Director General of Boundary & Oceanic Dept of Chinese Ministry of Foreign Affairs led Chinese delegation: MEA pic.twitter.com/bmLhbCEcjV
— ANI (@ANI) July 10, 2020
साथ ही दोनों पक्षों ने स्थिति के शीघ्र समाधान को सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत जारी रखने का फैसला लिया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन निकट भविष्य में डब्लूएमसीसी (Working Mechanism for Consultation and Coordination) की और बैठक आयोजित करने पर भी सहमत हुए है.
उल्लेखनीय है कि सीमा वार्ता के लिए भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पांच जुलाई को फोन पर बातचीत की थी. जिसके बाद चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान गलवान घाटी, पैट्रोलिंग पॉइंट-15 और हॉट स्प्रिंग्स इलाके से वापस चले गए हैं.