नई दिल्ली: भारत में चीन (China) के राजदूत सुन वीदोंग (Sun Weidong) ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि भारत-चीन सीमा मुद्दे को बातचीत और आपसी सहमति से सुलझाना चाहिए. दरअसल गलवान घाटी के साथ ही गोग्रा तथा हॉट स्प्रिंग से चीनी सैनिकों की वापसी हो चुकी है. जबकि दोनों देश तनाव कम करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों को हटाने के लिए जल्द सैन्य वार्ता कर सकते है.
चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद इतिहास द्वारा छोड़ा गया प्रश्न है. यह मुद्दा बेहद संवेदनशील और जटिल है. इसलिए समान परामर्श और शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए इसका उचित समाधान खोजने की आवश्यकता है. अमेरिका ने अल्पसंख्यकों का दमन करने वाले चीन के अधिकारियों के प्रवेश पर रोक लगाई
उल्लेखनीय है कि कूटनीतिक वार्ता के बाद चीन ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के दो और स्थानों गोग्रा तथा हॉट स्प्रिंग से गुरुवार को अपने सैनिकों की वापसी पूरी की. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पहले ही गलवान घाटी से वापस जा चुकी है. जबकि पैंगोंग सो में फिंगर-4 क्षेत्र से भी पीएलए जवानों की संख्या कम की जा रही है.
Chinese Ambassador to India Sun Weidong issues statement over India-China border issue. "The boundary question left over by history, is sensitive and complicated. We need to find a fair & reasonable solution mutually acceptable through equal consultation & peaceful negotiation." pic.twitter.com/WPti3oTVLi
— ANI (@ANI) July 10, 2020
सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष ऊंचाई वाल क्षेत्र में अपने सैनिकों को पीछे बुलाने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए अगले सप्ताह तक कोर कमांडर स्तर की एक और दौर की वार्ता कर सकते हैं. दोनों पक्षों ने विवाद के तीन बिन्दुओं-गलवान घाटी, गोग्रा और हॉट स्प्रिंग में अस्थायी कदम के तौर पर तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाने का काम पूरा कर लिया है.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में करीब आठ सप्ताह तक खूब तनातनी चली. हालात तब और ख़राब हो गए जब चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ खूनी झड़प की. गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 जवान हताहत हुए, लेकिन चीन ने इसका खुलासा नहीं किया.