नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच रिश्तों को सुधारने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए कैलाश-मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हाल ही में बीजिंग में हुई बैठक में छह अहम मुद्दों पर सहमति बनी, जिनमें यह पवित्र तीर्थ यात्रा भी शामिल है. बता दें कि कोविड-19 महामारी और चीनी पक्ष द्वारा व्यवस्थाओं का नवीनीकरण न करने के कारण 2020 से कैलाश-मानसरोवर यात्रा स्थगित है.
साल 2020 से कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा विवाद के चलते यह यात्रा बंद थी. अब NSA अजीत डोभाल और वांग यी के बीच सकारात्मक बातचीत के बाद इस पवित्र यात्रा का मार्ग एक बार फिर से खुलने की संभावना बढ़ गई है. यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र चीनी अधिकारियों के साथ कूटनीतिक रूप से बातचीत कर रहा है.
कैलाश-मानसरोवर यात्रा: क्यों है खास?
कैलाश-मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है. भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाला कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित है. यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति की परीक्षा भी है.
कैलाश यात्रा पर जाने के लिए, यात्री कई मार्गों में से चुन सकते हैं: नेपाल में काठमांडू, नेपाल में सिमिकोट और तिब्बत में ल्हासा. भारत की ओर से, चोटी पर जाने के लिए दो मार्ग हैं: एक मार्ग लिपुलेख पास (उत्तराखंड) से होकर जाता है और दूसरा मार्ग नाथूला पास (सिक्किम) से होकर जाता है.
नाथूला बॉर्डर ट्रेड और सीमा सहयोग
बैठक के दौरान नाथूला बॉर्डर ट्रेड को फिर से सक्रिय करने और सीमा पार नदी सहयोग को मजबूत बनाने के लिए भी बातचीत हुई. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने के लिए 2005 में बनी सहमति के आधार पर काम करने पर सहमति जताई गई. सीमाई इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया.
भारत-चीन के बीच संबंधों में सुधार
डोकलाम विवाद के बाद से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई पिछली बैठकों और अब NSA अजीत डोभाल की हालिया बीजिंग यात्रा ने रिश्तों में सुधार के संकेत दिए हैं. डोभाल और वांग यी ने बॉर्डर को लेकर बनी सहमति को प्रभावी ढंग से लागू करने पर सहमति जताई है. साथ ही सीमाई इलाकों में शांति कायम करने के लिए जरूरी कदम उठाने पर भी राजी हुए हैं,
इनपर भी बनी सहमति
कजान में हुई बैठक के निर्णयों के आधार पर भारत-चीन संबंधों में विश्वास बहाली पर जोर दिया गया. डिप्लोमैटिक और मिलिट्री सहयोग पर भी सहमती बनी है. दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन को लेकर कूटनीतिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. इस बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया है. अगले साल भारत में स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव लेवल की बातचीत होगी.