कनाडा में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उपजे तनाव के चलते कनाडा के 41 राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा है. भारत ने कनाडा से कहा था कि दिल्ली में अपने उच्चायोग से दर्जनों कर्मचारियों को वो वापस बुला ले. इसको लेकर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बयान जारी कर फिर से भारत सरकार पर वहीं आरोप लगाए हैं.
जस्टिन ट्रूडो ने कहा "हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम इस गंभीर मामले पर भारत के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहते हैं शुरुआत से ही, हमने वास्तविक आरोपों को साझा किया है जिनके बारे में हम गहराई से चिंतित हैं लेकिन हमने इसकी तह तक जाने के लिए, इसे गंभीरता से लेने के लिए भारतीय सरकार और दुनिया भर के साझेदारों से संपर्क किया यही कारण है कि जब भारत ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया और भारत में 40 से अधिक कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक छूट को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया तो हमें बहुत निराशा हुई. India-Canada Row: भारत-कनाडा के रिश्तों में आने लगा सुधार! वीजा सेवाएं फिर से शुरू करेगा हिंदुस्तान
कनाडाई पीएम ने कहा 'हमारे पास यह मानने के गंभीर कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल हो सकते हैं और भारत की प्रतिक्रिया वियना के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन करके कनाडाई राजनयिकों के एक पूरे समूह को बाहर निकालना है कन्वेंशन यह दुनिया भर के देशों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यदि कोई देश यह निर्णय ले सकता है कि दूसरे देश के उनके राजनयिक अब सुरक्षित नहीं हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और अधिक खतरनाक और अधिक गंभीर बना देता है.'
पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा 'हर कदम पर, हमने भारत के साथ रचनात्मक और सकारात्मक रूप से काम करने की कोशिश की है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे और इसका मतलब है कि भारत सरकार के राजनयिकों के साथ काम करना जारी रखेंगे यह कोई ऐसी लड़ाई नहीं है जो हम अभी करना चाहते हैं लेकिन हम स्पष्ट रूप से हमेशा कानून के शासन के लिए खड़े रहेंगे.'