नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना के एएन-32 (AN-32) विमान जो अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा के निकट से लापता हुए 42 घंटे का समय हो गया है. सोमवार दोपहर 1 बजे के बाद से विमान से संपर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं व्यापक तलाशी अभियान के बावजूद अभी तक उसका सुराग तक हाथ नहीं लगा है. सर्च ऑपरेशन में खराब मौसम के कारण भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एएन-32 में 13 लोग सवार थे. विमान जिस इलाके में लापता हुआ है वह पहाडियों से घिरा एवं घने जंगल वाला इलाका है.
लापता विमान का पता लगाने के लिए एमआई-17 और थलसेना के एएलएच हेलीकॉप्टरों के अलावा सी-130जे, एएन-32 सहित अत्याधुनिक सेंसरों से लैस विमान और समुद्र में लंबी दूरी तक टोह लेने में सक्षम भारतीय नौसेना के पी8आई विमान को तैनात किया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी उपग्रहों की मदद से बचावकर्ताओं को सहयोग कर रहा है.
बता दें कि लापता हुए विमान ने सोमवार को असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका के लिए उड़ान भरी थी. सोमवार की दोपहर को उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद विमान लापता हो गया. इसमें 13 लोग सवार थे. वायु सेना ने सोमवार को बताया था कि विमान ने दोपहर 12:27 बजे जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में मेंचुका के लिए उड़ान भरी. भूतल पर नियंत्रण कर रहे अधिकारियों से विमान का आखिरी संपर्क दोपहर 1 बजे हुआ था.
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गौरतलब हो कि एएन-32 विमान रूस निर्मित विमान है और वायुसेना बड़ी संख्या में इसका परिचालन करती है. इससे पहले जून 2009 में अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले के एक गांव के पास एएन-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 13 रक्षाकर्मी मारे गये थे. लाई 2016 में एक एएन-32 विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर की उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था, जिसमें 29 लोग सवार थे. कई सप्ताह तक तलाश अभियान चलाने के बाद भी विमान का पता नहीं चला.