Health Tips: कोरोना के बीच डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सहित निपाह वायरस बन सकता है बड़ा खतरा, ऐसे करें इन बीमारियों से अपना बचाव
अस्पताल / फाइल फोटो (Photo Credits: Twitter)

भारत में कोरोना (COVID-19) के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, निपाह वायरस भी तेजी से पैर पसार रहा है. मच्छर जनित बीमारियां रोजाना बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. देश के कई राज्यों में डेंगू के मामले बढ़ने से हड़कंप मचा हुआ है. हर दिन अस्पतालों में डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं केरल में 12 साल के लड़के की निपाह वायरस संक्रमण से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. धूम्रपान न करने वालों को भी आखिर कैसे हो जाता है फेफड़ों का कैंसर, यहां पढ़े पूरी खबर

ऐसे समय में जब देश में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of COVID-19) का खतरा है ऐसी बीमारियां टेंशन बढ़ रही हैं. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में डेंगू (Dengue) के मरीज मिले हैं. साथ ही बढ़ी संख्या में मरीजों की मौत भी हुई है. राज्यों में कोरोना संकट के बीच इन बीमारियों की पुष्टि के बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.

खतरनाक है निपाह वायरस

निपाह वायरस (Nipah Virus) इंसानों में जानवरों से फैलता है. निपाह वायरस चमगादड़ और सूअर से इंसानों में फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर दूसरे लोग भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. इसमें मरीज को बुखार, सांस में तकलीफ, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश की तकलीफ हो सकती है. इसके अलावा, मरीज को चक्कर, बेहोशी, जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

ऐसे करें बचाव

निपाह वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. सावधानी ही इससे बचाव का एकमात्र तरीका है. इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए चमगादड़ और सूअर के संपर्क में आने से बचें. जमीन या पेड़ से गिरे फलों को सीधे ना खाएं. बीमारी के लक्षण दिखने पर इसकी तुरंत टेस्ट कराएं.

ध्यान दें कि जमीन या पेड़ से गिरे फलों को सीधे ना खाएं. संक्रमित व्यकित के संपर्क में आने से बचें. बीमारी के लक्षण दिखने पर इसकी तुरंत जांच कराएं.

मच्छर जनित बीमारियों से ऐसे बचें

घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें. फुल शर्ट और फुल पैंट यानी शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े ही पहनें. मच्छरदानी में सोने का विकल्प अपनाएं. उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष रूप से ध्यान रखें.