नई दिल्ली:- राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन (Farmer Protest) 27वें दिन जारी है. दूसरी ओर सरकार पर दबाब बनाने के लिए हर रोज अब 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया है. सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर 11 किसान 24 घंटे भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. नये कृषि कानूनों (New Farm Laws) को वापस लेने की मांग पर किसान अडिग हैं. ऐसे में सरकार किसानों को मनाने की कोशिश में लगी हुई है. लेकिन अब तक उसका कोई हल नहीं निकला है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, हमें कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है.
राकेश टिकैत ने कहा, किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे. सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा. इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि देश का किसान कमजोर नहीं है और वह अपने हक की लड़ाई में पीछे नहीं हटने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को लंबा खींचना चाहती है, इसलिए किसान नेताओं से बातचीत करना नहीं चाहती है. वह कहते हैं कि सरकार जहां भी चाहे वहां किसान नेता बातचीत के लिए आ जाएंगे. Farmers Protest: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का बड़ा बयान, कहा- अगर MSP खत्म हुई तो छोड़ दूंगा राजनीति.
ANI का ट्वीट:-
We have not received any meeting invitation from Agriculture Minister yet. Farmers have decided they won't go back till govt takes back all 3 Farm laws. It will take more than a month to resolve all issues. Govt will come to us: Rakesh Tikait, Spokesperson, Bhartiya Kisan Union pic.twitter.com/rNg9GtYxqI
— ANI (@ANI) December 22, 2020
गौरतलब हो कि बीजेपी ने तीनों कृषि कानूनों को मजबूती से डिफेंड करने के साथ किसानों का समर्थन जुटाने का निर्णय लिया है. बीजेपी ने कहा है कि विपक्ष और कुछ संगठनों की ओर से फैलाए गए भ्रम को दूर करते हुए तीनों कानूनों का पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूती से बचाव करने के लिए लगातार अभियान चलाना होगा. जब देश भर के किसान हकीकत से रूबरू होंगे तो भ्रम दूर होगा, जिससे आंदोलन का असर कम होगा. बीजेपी नेताओं की हुई बैठक में किसानों के बीच जनसंपर्क अभियान में और तेजी लाने पर जोर समेत कई मसलों पर पिछले सप्ताह चर्चा हुई थी.