Kho Kho World Cup 2025 Rules and Regulations: खो खो के महाकुंभ का रोमांचक आगाज, विश्व कप के रूल और रेगुलेशन के बारे में जानिए पूरी डिटेल्स 
kho kho (Photo: IANS)

Kho Kho World Cup 2025: भारत पहली बार खो-खो विश्व कप 2025 की मेजबानी कर रहा है. यह पारंपरिक भारतीय खेल अपनी गति और रणनीति के लिए जाना जाता है. 'खो-खो' शब्द संस्कृत के शब्द "खो" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "उठो और जाओ". इस खेल की शुरुआत वडोदरा, महाराष्ट्र में हुई थी. 1960 में खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की गई. पहली चैंपियनशिप 1959-60 में आंध्र प्रदेश में आयोजित हुई थी. 65 साल बाद, भारत इस ऐतिहासिक विश्व कप की मेजबानी कर रहा है जिसमें पुरुषों की प्रतियोगिता में 20 टीमें और महिलाओं की प्रतियोगिता में 19 टीमें भाग ले रही हैं. आइए  इस खेल के नियमों के बारे में जानते हैं. यह भी पढ़ें: कल से शुरू होगा खो खो का महाकुंभ, यहां जानें भारत में कब, कहां और कैसे देखें मैच का सीधा प्रसारण समेत पूरा शेड्यूल

खो-खो के रूल और रेगुलेशन

खेल का मैदान: खो-खो खेल एक आयताकार मैदान में खेला जाता है जो दो भागों में विभाजित होता है. इस मैदान का आकार पुरुषों, महिलाओं, जूनियर लड़कों और लड़कियों के लिए 27 × 16 मीटर होता है. मैदान के दोनों छोर पर एक पोल होता है. इस खेल में दो टीमें होती हैं, जिनमें से प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से 9 खिलाड़ी एक समय में मैदान में होते हैं और 3 खिलाड़ी आरक्षित रहते हैं. एक टीम चेज़र (पकड़ने वाली) होती है और दूसरी डिफेंडर (बचने वाली).

खेल का फॉर्मेट: खो-खो के एक सीनियर मैच में दो पारियां होती हैं, जिनके बीच एक छोटा सा ब्रेक होता है. प्रत्येक पारी में दो टर्न होते हैं, जिनकी अवधि नौ मिनट होती है. टीमें बारी-बारी से चेज़र और डिफेंडर की भूमिका निभाती हैं. खेल के अंत में सबसे अधिक अंक वाली टीम विजेता होती है. अगर दोनों टीमों के अंक बराबर होते हैं, तो अतिरिक्त पारी खेली जाती है. अगर इसके बाद भी परिणाम नहीं निकलता है, तो दोनों टीमें एक-एक टर्न खेलती हैं, और जो टीम सबसे कम समय में एक अंक बनाती है, वह विजेता घोषित की जाती है.

खेल की प्रक्रिया: चेज़र टीम के 8 खिलाड़ी मैदान के केंद्र में एक सीधी रेखा पर बैठते हैं, जिनमें से चार एक दिशा में और चार दूसरी दिशा में होते हैं. नौवां खिलाड़ी एक पोल के पास खड़ा होता है, जो सक्रिय चेज़र होता है. सक्रिय चेज़र का लक्ष्य डिफेंडर टीम के रनर्स को बिना किसी फाउल के छूना होता है. अगर डिफेंडर टीम का रनर विपरीत दिशा में होता है, तो सक्रिय चेज़र पास में बैठे खिलाड़ी को "खो" कहकर टैप करता है और उसकी जगह ले लेता है। टैप किए गए खिलाड़ी के पास सक्रिय चेज़र बनने का मौका होता है. डिफेंडर को छूने पर चेज़र टीम को एक अंक मिलता है, और टैग किया गया डिफेंडर मैदान से बाहर हो जाता है. रनर अगर मैदान की सीमा के बाहर जाता है, तो उसे भी आउट माना जाता है.

अंक प्रणाली और खेल के नियम: खेल के दौरान चेज़र टीम के कोच किसी भी समय खिलाड़ियों को बदल सकते हैं. डिफेंडर केवल तभी बदले जा सकते हैं जब वे मैदान में प्रवेश करने से पहले होते हैं. एक पारी के समाप्त होने के बाद, टीमें अपनी भूमिकाएं बदलती हैं. दूसरी पारी में सबसे अधिक अंक बनाने वाली टीम विजेता होती है.

खो-खो के इन नियमों और विनियमों के साथ, विश्व कप में हिस्सा ले रहीं टीमें खेल के प्रति अपनी कुशलता और रणनीति का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं. खो-खो विश्व कप 2025 खेल प्रेमियों के लिए एक रोमांचक और यादगार अनुभव बनने वाला है.