Cyber Crime Digital Arrest: देश में डिजिटल अरेस्ट करके लोगों से लाखों रूपए की ठगी की जा रही है. एक बार फिर मध्यप्रदेश के इंदौर में एक वृद्ध महिला को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 46 लाख रूपए की ठगी की गई. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर लिया है. जानकारी के मुताबिक़ महिला का बेटा विदेश में रहता है.
पुलिस के मुताबिक़ फरियादी के अनुसार 11 सितंबर को महिला को एक अननोन नंबर से फ़ोन आया. जिसमें सामने के शख्स ने बताया की वो टेलीकॉम रेग्युलेटशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली हेड ऑफिस से जांच अधिकारी विनोद कुमार बोल रहा है. उसने कहा की ,' आपके नाम जियो कंपनी का रजिस्टर्ड सिम कार्ड है, जिसके माध्यम से इललीगल एडवरटाइजिंग और हैरसमेंट का अपराध किया गया है. ये भी पढ़े:इंदौर में क्राइम और अपराधियों को रोकने के लिए पुलिस ने लिया आधुनिक तकनीक का सहारा, लॉन्च किया ऐप
उसने आगे महिला से कहा की ,' आपके खिलाफ एफआई दर्ज की गई है. आपके सभी मोबाइल नंबर एक घंटे में बंद कर दिए जाएंगे. इसके कुछ देर बाद फिर एक अननोन नंबर से फ़ोन आया. उसने कहा की ,' आपके नाम से आपके आधार कार्ड से दर्ज एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया है, जो अभी कस्टम विभाग में है. इसकी जांच चल रही है, इसके बाद महिला ने फोन काट दिया.
महिला के मुताबिक़ इसके बाद फिर व्हाट्सएप पर फ़ोन आया और सामने से शख्स ने कहा की ,' वो सीबीआई ऑफिसर बोल रहा है. उसने महिला से कहा की ,' संदीप कुमार के यहां से आपके नाम की पासबुक निकली है. इसमें ड्रग्स, आतंकवाद और मनी लान्ड्रिंग के करोड़ो रूपए के ट्रांजेक्शन मिले है.
इस आरोपी ने फ़ोन पर महिला को बताया की संदीप हमारी हिरासत में है. आप उसे कैसे जानती है, आपके खिलाफ वारंट निकाला गया है. उसने कहा की दिल्ली की एचडीएफसी बैंक के अकाउंट है और उसी से सारे ट्रांजेक्शन हो रहे है. इसके बाद आरोपियों ने कहा की आप सभी जानकारी दीजिये , नहीं तो आप के लिए ठीक नहीं होगा.
इसके बाद महिला से कहा गया की सारा पैसा आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर करो, इसके बाद महिला ने 13 सितंबर को अपने अकाउंट से ठगों की ओर से बताएं गए अकाउंट में 40 लाख रूपए ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद 14 सितंबर को ठगों का फ़ोन आया और उन्होंने महिला से कहा की आप बेगुनाह है. आप हमारे सर्विलेंस पर रहिये, आप पर लगातार नजर रखी जा रही है. उसने कहा की आप के सभी अकाउंट की जानकारी दीजिये और हम चेक करके बताएंगे, महिला को 17 सितंबर तक आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट करके रखा और इसके बाद 6 लाख रूपए और ट्रांसफर करवाएं. महिला को ठगी का अहसास होने के बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई.
पिछले दिनों भी इंदौर में ही एक रिटायर्ड अधिकारी से फ्रॉड किया गया था. उस दौरान करोड़ो रूपए की ठगी आरोपियों ने की थी.