केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन (Dr. Harsh Vardhan) को ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइजेशन (Gavi) ने बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया है. डॉ. हर्ष वर्धन गावी बोर्ड में सदस्य के रूप में 01 जनवरी, 2021 से 31 दिसम्बर, 2023 तक प्रतिनिधित्व करेंगे. यह सदस्यता वर्तमान में म्यामांर के मिन्ट हतवे के पास है.
जैसा कि हम जानते हैं कि कोविड-19 (COVID-19) की वैक्सीन (vaccine) समेत दुनिया भर में तमाम वैक्सीन अलग-अलग चरणों पर हैं. कई सारी ऐसी वैक्सीन हैं, जो पहले से दी जा रही हैं. नई और पुरानी हर प्रकार की वैक्सीन दुनिया के गरीब से गरीब देशों में रह रहे बच्चों तक पहुंच सके, यह सुनिश्चित करने का कार्य अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन के बोर्ड गावी करता है. दरअसल गावी कई देशों की सरकारों, विश्व स्वास्थ्य संगठन और बिल-मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill-Melinda Gates Foundation) ने एक साथ मिलकर बनाया है.
WHO के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष हैं डॉ. हर्ष वर्धन :
गौरतलब है कि मई 2020 में डॉ. हर्ष वर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के वर्ष 2020-21 के लिए अध्यक्ष निर्वाचित किए गए थे. कार्यकारी बोर्ड के 147वें सत्र की एक वचुर्अल बैठक में उन्हें निर्वाचित किया गया. डॉ. हर्ष वर्धन जापान के हीरोकि नाकातानी का स्थान लिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड में तीन वर्ष के लिए निर्वाचित 34 तकनीकी योग्य सदस्य हैं इस बोर्ड के मुख्य कार्यों में स्वास्थ्य असेम्बली के निर्णयों और नीतियों का कार्यान्वयन और इसके काम में सलाह और सहायता देना है. यह भी पढ़ें : Coronavirus Vaccine Update: जानिए क्या होगी टीकाकरण की प्रक्रिया
पोलियो उन्मूलन में अहम भूमिका :
डॉ हर्ष वर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के पोलियो उन्मूलन पर महत्वपूर्ण विशेषज्ञ सलाहकार समूह और वैश्विक टेक्नीकल परामर्श समूह जैसी कई प्रतिष्ठित समितियों के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है.
दिल्ली सरकार में कई पदों पर रहे :
डॉ हर्ष वर्धन के उल्लेखनीय करियर में यह एक और महत्वपूर्ण सम्मान है. उन्होंने गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कानपुर (Memorial Medical College Kanpur) से 1979 में चिकित्सा में स्नातक और 1983 में चिकित्सा में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की. वे 1993 से जनसेवा के कार्य से जुड़े हैं. 1993 में वह दिल्ली विधानसभा के पहली बार सदस्य चुने गए थे. वे लगातार पांच वर्ष के कार्यकाल के पांच बार विधानसभा के तब तक सदस्य रहे जब वे मई 2014 में चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. यह भी पढ़ें : Coronavirus Vaccine: फ्रांस में COVID-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू, कोरोना से संक्रमित मामले 26. लाख के पार
1993 से 1998 के बीच उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य, शिक्षा, विधि और न्याय तथा विधायी कार्य के मंत्री के रूप में कार्य किया. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में 1994 में पल्स पोलियो कार्यक्रम की पायलट परियोजना का सफल कार्यान्वयन किया जिसके तहत दिल्ली में तीन वर्ष तक की आयु के 12 लाख शिशुओं का टीकाकरण किया गया. इससे 2014 में भारत के पोलियो मुक्त बनने की बुनियाद रखी गई. उन्होंने धूम्रपान निषेध और गैर-धूम्रपान कर्ता स्वास्थ्य संरक्षण अधिनियम 1997 को पारित कराने और उसे लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कानून का बाद में देश के विभिन्न राज्यों ने अनुसरण किया.
डॉ. हर्ष वर्धन को 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. बाद में उन्हें केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान का मंत्री बनाया गया. वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भी रहे. वे चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के दोबारा सदस्य निर्वाचित हुए. उन्हें 30 मई, 2019 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान का मंत्री बनाया गया.