Assam Police Encounter: असम पुलिस ने बुधवार को तीन हमार उग्रवादियों को मार गिराने का दावा किया था. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी 'एक्स' पर बताया था कि 18 जुलाई को सुबह-सुबह एक अभियान में कछार पुलिस ने असम और पड़ोसी मणिपुर के 3 हमार उग्रवादियों को ढेर कर दिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से दो AK-47 राइफल, एक अन्य राइफल और एक पिस्तौल भी बरामद की है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब मृतकों के परिवारों ने उनकी मौत पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक वायरल वीडियो का हवाला देते हुए इस पुलिस एनकाउंटर को फेक बताया है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस द्वारा ऑटोरिक्शा से तीन लोगों को पकड़ा गया है. दावा किया जा रहा है कि इनके नाम जोशुआ, लल्लुंगावी और लालबीक्कुंग हैं. ये तीनों मणिपुर के फ़ेरज़ावल और कछार जिले के रहने वाले थे.
असम पुलिस के एनकाउंटर पर उठे सवाल
FAKE ENCOUNTER by @assampolice! We truly condemn the unjust and treacherous #murder of our three #Hmar brothers who were set up by the Assam police. We demand immediate justice! pic.twitter.com/GLrKvzwcEG
— Indigenous Tribes Advocacy Committee (ITAC) (@itacofficial) July 17, 2024
मृतक के परिवारों ने एनकाउंटर को बताया फेक
Family of one of the 3 Hmar “militants” killed by Assam Police claim the encounter was staged.
According to videos of the police purportedly apprehending the three individuals from an autorickshaw, Lalompuia explains, “The police first checked their sling bag and found nothing. pic.twitter.com/FzZbKdtvkp
— Sachin (@Sachin54620442) July 19, 2024
कछार में 3 उग्रवादियों को मार गिराने का दावा
Assam CM says three Hmar “militants” from Assam and Manipur killed in an encounter with Cachar Police in the early hours on July 17.
A video has surfaced, where they are intercepted by the police on July 16 in an auto rickshaw, hours before the alleged encounter. Cachar is close… pic.twitter.com/j5s2FUDENz
— Vijaita Singh (@vijaita) July 18, 2024
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एनकाउंटर की दी थी जानकारी
In an early morning operation, @cacharpolice killed 3 Hmar militants from Assam and neighbouring Manipur. Police also recovered 2 AK rifles, 1 other rifle, and 1 pistol. @gpsinghips
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 17, 2024
पुलिस का कहना है कि वे पकड़े गए तीनों हमार उग्रवादियों से पूछताछ के बाद उन्हें असम-मणिपुर सीमावर्ती क्षेत्र भुबन हिल्स लेकर गए थे, जहां अन्य आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. वे विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारी मात्रा में हथियारों के साथ यहां शरण लिए हुए थे. इसी दौरान गोलीबारी में तीनों की मौत हो गई और पुलिस पर गोली चलाने वाले संदिग्ध आतंकवादी भागने में सफल रहे. हालांकि, घटनास्थल पर ले जाते समय तीनों को बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट दिए गए थे.
वहीं, मारे गए लोगों के परिवारों का आरोप है कि उनके साथ जो हुआ वह मानवाधिकारों का उल्लंघन है. हम देख सकते हैं कि वे एक ऑटोरिक्शा में थे और उन्होंने पुलिस का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया. हम वीडियो में उनके पास कोई हथियार नहीं देख सकते. पुलिसकर्मी कहता है कि बंदूक है, लेकिन वह उसे दिखाता नहीं है. मृतक जोशुआ कोई उग्रवादी नहीं था, वह सिर्फ एक झूम किसान था. उसे हमारे सर्वोच्च आदिवासी निकाय ने गांव का स्वयंसेवक बनने के लिए बुलाया था. वहीं, ललुंगावी हमार के चाचा लालशुंग ने बताया कि दोनों लोग मंगलवार को कछार स्थित अपने गांव से यह कहकर निकले थे कि वे मिजोरम घूमने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे. पुलिस ने जो घटनाक्रम बताया है, उसमें कुछ बहुत गड़बड़ है. हमें लगता है कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी और पुलिस ने कानून तोड़ा है. हमने शवगृह से शव नहीं उठाए हैं और जब तक न्याय नहीं मिल जाता, हम उन्हें नहीं उठाएंगे.
दरअसल, कछार मणिपुर के जिरीबाम जिले की सीमा पर स्थित है. यहां जहां पिछले महीने से ही कुकी और मैतेई समूह के बीच हिंसा चल रही है. कछार में हमार आबादी भी है और जिरीबाम से विस्थापित हमारों सहित बड़ी संख्या में कुकी भी कछार में शरण लिए हुए हैं.