चेन्नई: दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव का क्षेत्र बुधवार शाम तक चक्रवात फेंगल (Cyclone Fengal) में बदल सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह चक्रवात तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा, लेकिन तट से टकराने से पहले इसका प्रभाव थोड़ा कमजोर पड़ सकता है. इस चक्रवाती तूफान को फेंगल नाम दिया गया है और इसे लेकर देश के दक्षिणी राज्यों में काफी चिंता देखी जा रही है.
यह गहरा दबाव उत्तर-पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि यह चक्रवात अगले 6 घंटों में तेज होकर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है और श्रीलंका के तट को स्कर्ट करते हुए तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा.
चक्रवात का वर्तमान स्थान और स्थिति
डीप डिप्रेशन 10 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ गया तथा त्रिंकोमाली से लगभग 110 किमी पूर्व, नागपट्टिनम से 350 किमी दक्षिणपूर्व, पुडुचेरी से 450 किमी दक्षिणपूर्व तथा चेन्नई से 530 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित है.
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आईएमडी ने बुधवार को कहा, "इसके उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 6 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. इसके बाद, यह अगले दो दिनों के दौरान श्रीलंका तट को घेरते हुए तमिलनाडु तट की ओर उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा." 28 से 30 नवंबर के दौरान तमिलनाडु और पुडुचेरी में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. लैंडफॉल के समय हवा की गति 55-60 किमी प्रति घंटा रह सकती है.
समुद्री क्षेत्र में खतरा
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के तटीय क्षेत्रों में समुद्र में लहरों की गति 55-65 किमी प्रति घंटा (गुस्त 75 किमी प्रति घंटा) रहने का अनुमान है. यह बुधवार शाम तक और बढ़कर 60-70 किमी प्रति घंटा (गुस्त 80 किमी प्रति घंटा) हो सकती है. 29 नवंबर की रात से यह गति धीरे-धीरे घटने की संभावना है.
तटीय आंध्र प्रदेश में 28 से 30 नवंबर को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. केरल में 30 नवंबर को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.
चक्रवात फेंगल तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में बारिश और तेज हवाओं के साथ असर डाल सकता है. हालांकि, इसके तट पर पहुंचने से पहले कमजोर पड़ने की संभावना है. फिर भी, संबंधित क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.