Delhi Coaching Basement Case: दिल्ली के राजेंद्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में सियासत तेज हो गई है. दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस तरीके से स्कूलों पर रेगुलेशन होते हैं कि स्कूल के अंदर बिल्डिंग कैसी हो, कितने बच्चों को पढ़ाने की अनुमति हो, कितना एरिया होना चाहिए, फीस क्या होगी. उसी तरह केंद्र सरकार को कोचिंग सेंटर के लिए भी नियम बनाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से रेगुलेशन प्राइवेट स्कूलों पर दिल्ली सरकार ने लगाई है, इस तरीके का रेगुलेशन केंद्र सरकार को कोचिंग सेंटर के लिए बनाना चाहिए. यह बहुत जरूरी है. यह मामला सिर्फ दिल्ली का नहीं है. मुखर्जी नगर का नहीं है. राजेंद्र नगर का नहीं है. यह मामला कोटा का भी है. उन्होंने कहा कि गरीब, किसान अपना पेट काट कर बच्चों को पढ़ाने के लिए इलाहाबाद और कोटा भेजता है. कहां से किसान अपने बच्चे के दाखिले के लिए लाखों रुपए लाएगा. यह भी पढ़ें: Delhi Coaching Basement Case: UPSC कोचिंग सेंटर के बाहर धरने पर डटे छात्र, मृतकों के परिवारों के लिए एक-एक करोड़ मुआवजे की मांग
इसके ऊपर रेगुलेशन बनना चाहिए. हम लोग संसद में भी आवाज उठा रहे हैं, आगे भी उठाते रहेंगे. कोचिंग सेंटर हाई प्रोफाइल लोगों के होते हैं. ऐसे में उन पर कार्रवाई करना मुश्किल होता है. इसलिए हम कह रहे हैं रेगुलेशन बनाने की जरूरत है. वहीं दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद अब नोएडा में भी जिला प्रशासन ने एक कमेटी का गठन कर कोचिंग सेंटर का निरीक्षण शुरू कर दिया है.
इस दौरान कई कोचिंग सेंटर में खामियां पाई गई हैं. जिनके अंदर मौजूद उन कमरों को बंद कर दिया गया है, जिनका जबरन पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. जानकारी के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में गठित कमेटी ने अभी तक कई नामी कोचिंग सेंटर को नियमों का उल्लंघन करते पाया है. इसके अलावा कई दूसरे राज्यों में भी सरकार ने कोचिंग सेंटर की जांच के लिए टीमें गठित की हैं.