नई दिल्ली, 15 मई: दिल्ली में एक तरफ कोरोना (Coronavirus) मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. वहीं दूसरी ओर कन्टेनमेंट जोन भी लगातार बढ़ रहे हैं. 29 अप्रैल के बाद से अब तक दिल्ली में 20 कन्टेनमेंट जोन को इस से मुक्त कर दिया गया है. दिल्ली भाजपा दिल्ली (Delhi) सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर रही है. दिल्ली बीजेपी का मानना है कि धीरे धीरे दिल्ली सरकार पृरी दिल्ली को खोल देना चाहती है, इसलिए कन्टेनमेंट जोन को घटा रही है. इस पर भाजपा नेता आशीष सूद ने आईएएनएस से कहा कि 28 मार्च को दिल्ली में पहला कन्टेनमेंट जोन बनाया गया था.
धीरे धीरे कोरोना के मामले सामने आते गये और कन्टेनमेंट जोन की संख्या बढ़ती गई. एक समय दिल्ली में 101 कन्टेनमेंट जोन हो गये थे. लेकिन 29 अप्रैल के बाद से दिल्ली में कोरोना के 6 हजार नये मामले सामने आ गये हैं, बावजूद इसके कन्टेनमेंट जोन घट रहे हैं, 20 कन्टेनमेंट जोन हटा लिये गये है. ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा कैसे हो रहा है.
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उन्होंने कहा कि पहले केजरीवाल सरकार कोरोना की मौत को छिपा रही है और अब कन्टेनमेंट जोन घटाकर अपनी जिम्मेदारी से भाग जाना चाहती है. भाजपा का कहना है कि केजरीवाल सरकार मॉल, बाजार खोलने की जुगत में हैं, इसलिये कन्टेनमेंट जोन की संख्या कम कर रही है, ताकि गरीब लोगों को दी जाने वाली राहत से बचा जा सके.
गौरतलब है कि पिछले चार सप्ताह से कन्टेनमेंट जोनों में एक भी कोरोना का नया केस नहीं आने की वजह से अब तक 21 सील इलाकों को हॉटस्पॉट जोन से बाहर किया जा चुका है. अब दिल्ली में 79 हॉटस्पॉट जोन हैं. दिल्ली का का सबसे पहला और लॉकडाउन के शुरूआती दिनों का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट इलाका दिलशाद गार्डन था. प्रशासन ने 27 मार्च को पूरे इलाके को सील कर दिया दिया था. पांच अप्रैल को यहां दिल्ली सरकार ने ऑपरेशन शील्ड चलाया था. इस बीच दिल्ली में कोरोना पीड़ितों की संख्या 7998 हो गयी है, जबकि 106 लोगों की यहां मौत हो चुकी है.