अयोध्या फैसले के बाद WhatsApp, Twitter और सोशल मीडिया पर है पुलिस की नजर, अफवाह फैलाने से बचे
अफवाह न फैलाएं ( फोटो क्रेडिट- Twitter )

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शनिवार को आयोध्या (Ayodhya ) जमीन विवाद मामले में अपना फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि न्यास को विवादीत जमीन देते हुए कहा है. इसके साथ ही कहा कि कि राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ लोगों से अपील की जा रही है कि कोई अफवाह पर ध्यान न दें और किसी प्रकार के मैसेज को वायरल न करें. इसी कड़ी में महाराष्ट्र पुलिस ने आम जनता से अपील करते हुए ट्वीट कर कहा कि, जनता किसी भी प्रकार के अनुचित मैसेज को न भेजें. अगर ऐसा कोई अनुचित मैसेज आता है तो 100 नंबर फ़ोन करे अन्यथा पास के पुलिस स्टेशन में इसकी जानकारी दें. वहीं दिल्ली पुलिस ने सभी जनता से अपील की है कि किसी प्रकार के गलत मैसेज को सोशल मीडिया पर न वायरल करें. दिल्ली पुलिस की नजर सभी पर है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्म के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया. हिंदू मुख्य गुंबद को ही जन्म का सही स्थान मानते हैं और विवादित स्थल पर ही पूजा करते रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि 1856 से पहले अंदरूनी हिस्से में हिंदू भी पूजा करते थे और आपत्ति जताए जाने के बाद बाहर बने चबूतरे पर पूजा करने लगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों ने दोनों हिस्से अलग-अलग रखने के लिए रेलिंग बनाई थी. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी. अदालत ने माना कि वहां पहले मंदिर था. फैसले के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस ने ट्वीट कर सभी से अपील की है कि शांति कायम रखें.

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गाजियाबाद पुलिस ने कहा:- अफवाह फैलाने वाले जेल जाएंगे

प्रयागराज पुलिस ने ट्वीट कहा :- अफवाह की जानकारी पुलिस को दें 

दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा:- सोशल मीडिया पर है हमारी नजर 

महाराष्ट्र पुलिस ने ट्वीट कर कहा:- अफवाह पर 100 नंबर डायल करें 

नोट:- हमारी टीम लेटेस्टली मीडिया प्राइवेट लिमिटेड भी देश की जनता से अपील करती है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें, इसे अपनी निजी जीत या हार न समझे. इस देश की ताकत एकता में हैं और इसे बरकरार रखना हर भारतीय का कर्तव्य है.