Satta Matka Result: 'सट्टा मटका क्वीन' (Satta Matka Queen) के नाम से मशहूर जया छेड़ा ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में अपने खिलाफ दर्ज गैम्बलिंग एक्ट की कार्यवाही और FIR रद्द करने की छह याचिकाएं वापस ले ली हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे इसे सुनने के इच्छुक नहीं हैं, जिसके बाद 'सट्टा मटका क्वीन' (Satta Matka Queen) छेड़ा के वकील तारक सैयद ने याचिकाएं वापस लेने का निर्णय लिया.
वकील तारक सैयद ने दलील दी कि इन मामलों में एक ही आरोपियों का समूह शामिल है, इसलिए ये मामले दोहराए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ये सभी मामले अप्रैल से जून 2022 के बीच महाराष्ट्र के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए थे और सभी एफआईआर लगभग एक जैसी थीं.
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सैयद ने आरोप लगाया कि संभवतः ये मामले पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उगाही के मकसद से दर्ज किए गए थे. इनमें से कुछ अधिकारी खुद विभागीय जांच के दायरे में हैं. हालांकि, राज्य की ओर से वकील जेपी याग्निक ने इन याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि उनके पास गवाहों के बयान और साक्ष्य हैं, जो छेड़ा को अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों से जोड़ते हैं. अदालत ने 'सट्टा मटका क्वीन' (Satta Matka Queen) छेड़ा को सलाह दी कि अगर वह अपने खिलाफ दायर मामलों में राहत चाहती हैं, तो इसके लिए उन्हें निचली अदालत में डिस्चार्ज के लिए आवेदन करना चाहिए.
गौरतलब है कि 'सट्टा मटका क्वीन' (Satta Matka Queen) छेड़ा ने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने खिलाफ महाराष्ट्र जुआ अधिनियम के तहत दर्ज कुल 16 याचिकाएं दाखिल की थीं. उनकी वकील ने कहा कि दो महीने के भीतर एक ही तरह की कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. अदालत ने सुनवाई के दौरान इस पर संज्ञान लिया और छेड़ा के वकील को सभी याचिकाएं वापस लेने की अनुमति दी.
अदालत ने मामले को समाप्त करते हुए कहा, "याचिकाएं वापस लेने की अनुमति दी जाती है. सभी याचिकाएं समाप्त की जाती हैं.'' 'सट्टा मटका क्वीन' (Satta Matka Queen) जया छेड़ा के इस कदम के बाद अब उनके पास निचली अदालत में जाकर मामले से राहत पाने का विकल्प शेष है.