भारत में बिजली गिरने से 80 की मौत
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

बिहार में बीते दो दिनों में आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 61 लोग मारे गए हैं. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की घटनाओं में 18 लोगों की जान जाने की खबर है.बिहार में बाढ़, बिजली गिरने और उससे जुड़ी घटनाओं में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होती है. लेकिन एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि अब बढ़ते जलवायु परिवर्तन की वजह से चरम मौसमी घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं. बिहार आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि गुरुवार और शुक्रवार को बादल गरजने और बिजली गिरने की घटनाओं में राज्य भर में कम से कम 61 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान फसल और संपत्तियों के नुकसान की भी खबर है. अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का एलान किया है.

स्थानीय मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार को बिहार में भारी बारिश हो सकती है. उधर भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने बिजली गिरने और तूफान से जुड़ी घटनाओं में 18 लोगों के मारे जाने की जानकारी दी है. भारत के पड़ोसी नेपाल में भी बुधवार और गुरुवार को बिजली गिरने की घटनाओं में आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.

बीते साल भारत में बिजली गिरने की घटनाओं में 1900 लोग मारे गए थे. विशेषज्ञ कहते हैं कि समय के साथ ऐसी घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. ओडिशा की फकीर मोहन यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च टीम का अध्ययन बताता है कि 1967 से 2020 तक बिजली गिरने से कुल 101,309 लोग मारे गए थे. इस दौरान 2010 से 2020 की अवधि में मौतों की संख्या में बड़ा उछाल दिखाई दिया है. वे इसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मानते हैं.

भारत के मौसम विभाग ने पिछले दिनों ही चेतावनी दी थी कि आने वाले दिनों में चरम मौसमी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं जिनमें देश के पश्चिमी हिस्से में तेज गर्मी और पूर्वी और मध्य हिस्से में बिजली गिरने की संभावना है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अप्रैल का महीना कहीं ज्यादा गर्म रहेगा और इस दौरान देश भर में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा रहेगा.

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