7th Pay Commission: मोदी सरकार द्वारा DA में किए गए इजाफे के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों को दी एक और बड़ी राहत
पीएम मोदी (Photo Credits ANI)

7th Pay Commission: देशभर कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी. एक ओर लंबे समय से अटकी मांग यानि मंहगाई भत्ते में बढ़ोतरी की तो वहीं दूसरी ओर महामारी से बचाने के लिए खास दिशा-निर्देश दिए. इसी के तहत कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए कर्मचारियों को सेल्फ अप्रैजल यानि कि वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) फाइल करने की अंतिम तारीख को 15 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून कर दिया है.

आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के चलते एपीएआर कि डेडलाइन को संशोधित किया गया है. साथ ही ग्रुप-ए के अधिकारियों के मूल्यांकन रिपोर्ट देने की समय सीमा भी 31 मई तक बढ़ाई है. जबकि सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया गया है कि विकलांगता वाले व्यक्ति (पीडब्लूडी) या दिव्यांगजन को कोरोना संकट के दौरान काम से रियायत दी जाए. इसको ध्यान में रखकर ही संबंधित मंत्रालयों और विभागों में आवश्यक सेवाओं के लिए जरूरी स्टाफ का रोस्टर तैयार किया जाए.

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत की एक अतिरिक्त किस्त को जारी करने की मंजूरी दी. मूल्य वृद्धि की क्षतिपूर्ति के लिए मूल वेतन/पेंशन की वर्तमान दर 17 प्रतिशत में 4 प्रतिशत की वृद्धि होगी. यह 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी होगी.

महंगाई भत्ता और महंगाई राहत के कारण सरकार पर प्रतिवर्ष 12,510.04 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा और वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 14,595.04 करोड़ रुपये इस मद में खर्च होंगे. इससे 48.34 लाख केन्द्र सरकार के कर्मचारियों तथा 65.26 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा.