8th Pay Commission News: केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा किए जाने के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में उत्सुकता बढ़ गई है. हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है, कि अब सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा होगा. माना जा रहा है कि इस बार महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मिलाया जा सकता है. इसके अलावा भत्तों की संरचना (Allowance Structure) में भी बदलाव की संभावना है.
मेडिकल अलाउंस में तीन गुना बढ़ोतरी का प्रस्ताव
दिल्ली में 11 मार्च 2025 को हुई 34वीं स्कोवा बैठक (SCOVA Meeting) में पेंशनधारकों को मिलने वाले मेडिकल भत्ते को लेकर एक अहम प्रस्ताव सामने आया है. अभी तक पेंशनर्स को हर महीने 1,000 रुपये मेडिकल अलाउंस मिलता है, लेकिन बैठक में इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने का सुझाव दिया गया है.
यह मांग पेंशनर्स काफी समय से कर रहे थे, क्योंकि महंगाई और इलाज का खर्च लगातार बढ़ रहा है. अब इस प्रस्ताव को 8वें वेतन आयोग की टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस (Terms of Reference) में शामिल करने की सिफारिश की गई है, और उम्मीद है कि यह बदलाव 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है.
एचआरए और अन्य भत्तों में बढ़ोतरी की उम्मीद
स्कोवा बैठक में यह साफ किया गया है, कि सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों को मिलने वाले सभी भत्तों की भी समीक्षा जरूरी है. इसमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA), यात्रा भत्ता (TA), महंगाई भत्ता और मेडिकल अलाउंस जैसे भत्ते शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेट्रो शहरों में रहने वाले कर्मचारियों को एचआरए में ज्यादा फायदा मिल सकता है.
वहीं, ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में काम करने वालों के यात्रा भत्ते की गणना का तरीका भी बदला जा सकता है. इसके अलावा, सरकार कुछ पुराने और अब काम न आने वाले भत्तों को खत्म करने पर भी विचार कर रही है, ताकि भत्तों की व्यवस्था को आसान और प्रभावी बनाया जा सके.
क्या डीए को बेसिक सैलरी में जोड़ा जाएगा?
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 रखा गया था, जिसके आधार पर न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये तय हुई थी. अब 8वें वेतन आयोग में यह सैलरी बढ़कर 27,000 रुपये तक पहुंच सकती है. इस बार यह भी संभावना जताई जा रही है, कि महंगाई भत्ता को बेसिक सैलरी में मिला दिया जाए, जिससे सैलरी का पूरा ढांचा बदल सकता है.
हालांकि फिलहाल 8वें वेतन आयोग की रूपरेखा और टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस तय नहीं हुए हैं. आमतौर पर किसी वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में 18 से 24 महीने का समय लगता है, इसलिए जो संभावित तारीख 1 जनवरी 2026 बताई जा रही थी, उसमें कुछ देरी हो सकती है. अब सभी की नजरें सरकार की अगली घोषणा और आयोग की रिपोर्ट पर टिकी हैं.













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