नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात में सरकार द्वारा लॉन्च किए गए डिजिटल प्लेटफॉर्म covidwarriors.gov.in का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठनों के स्वयंसेवकों और सिविल सोसायटी एवं स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधियों को इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक-दूसरे के साथ जोड़ दिया गया है. बहुत छोटी सी अवधि में ही 1.25 करोड़ लोग इस पोर्टल का हिस्सा बन गए हैं, जिनमें डॉक्टर, नर्स, आशा-एएनएम कार्यकर्ता, छात्र व युवा आदि शामिल हैं. खास बात यह है कि इन सवा करोड़ लोगों में देश के 14 लाख वो छात्र हैं जो एनएसएस या एनसीसी से जुड़े हुए हैं.
देश के तमाम कॉलेजों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में चलने वाली राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के 14 लाख कोविड वॉरियर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोविड वॉरियर्स पोर्टल से प्राप्त डाटा के अनुसार 26 अप्रैल तक कुल 13,67,600 एनएसएस से जुड़े छात्र और 46,175 एनसीसी कैडेट कोविड वॉरियर बन चुके हैं। ये कोविड योद्धा संकट प्रबंधन योजनाओं को तैयार करने और उन्हें लागू करने में स्थानीय स्तर पर मदद करते हैं. यह भी पढ़े: कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’, कहा- आज पूरा देश लड़ रहा है लड़ाई, सबका लक्ष्य एक
सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आगे आये एनएसएस के छात्र
अगर राज्य वार डाटा की बात करें तो सबसे ज्यादा 106,867 एनएसएस छात्र हैं, जो कोविड वॉरियर बने हैं. वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां से 1,03,800 छात्र से जुड़े हैं। तमिलनाडु से 91,752, मध्य प्रदेश से 89,971 और उत्तर प्रदेश से 80,800 एनएसएस छात्र कोविड योद्धा बने हैं. वहीं एनसीसी की बात करें तो वहां भी सबसे ज्यादा 6375 कैडेट कोविड वॉरियर बने हैं। मध्य प्रदेश, कर्नाटक और बिहार तीनों राज्यों से करीब तीन-तीन हजार एनसीसी कैडेट आगे आये हैं.
नेहरू युवा केंद्र संगठन से भी आगे आये युवा
देश की युवा ब्रिगेड जो नेहरू युवा केंद्र संगठन से जुड़ी है, वह भी कोरोना से इस जंग में शामिल है. देश भर से कुल 14,86,065 युवा जो इस संगठन से जुड़े हैं, आगे आ चुके हैं. यहां पर सबसे ज्यादा युवा बिहार से जुड़े. 26 अप्रैल की शाम तक कुल 99,898 युवा बिहार से जुड़ चुके हैं. वहीं तमिलनाडु से 97,052, राजस्थान से 96,742, कर्नाटक से 92,779 और उत्तर प्रदेश से 91,297 युवा आगे आये हैं.
क्या कहते हैं एनएसएस के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी
एनएसएस व एनसीसी के छात्रों की भागीदारी पर श्री जय नारायण पीजी कॉलेज लखनऊ के शिक्षक एवं एनएसएस के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डा. आलोक चांटिया का कहना है कि एनएसएस का उद्देश्य ही "मैं नहीं हम" है और यहां "हम" का का मतलब समाज है. एनएसएस में हर दैनिक कार्य के साथ समाज के लिए कुछ करने के की सोच विकसित की जाती है। इस वक्त देश भर में सभी प्रोग्राम ऑफिसर छात्रों को आगे आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
डा. चांटिया ने आगे कहा, "सबसे अच्छी बात यह है कि ये छात्र कोविड वॉरियर बनने के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं। वो यह जानते हैं कि उन्हें इस कार्य के लिए कोई ख्याति नहीं मिलेगी.बस इस मुश्किल घड़ी में देश की सेवा करना चाहते हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात यह कि आज देश का नेतृत्व युवाओं में राष्ट्र के लिए समर्पण का भाव पैदा कर रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले समय में ये कोरोना योद्धा अपनी आने वाली पीढ़ी के सामने मिसाल बन कर खड़े होंगे.













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