Pataakha Movie Review: मजेदार है दो बहनों के बीच का यह 'महायुद्ध', सुनील ग्रोवर की इस फिल्म को देखने से पहले जरुर पढ़ें हमारा रिव्यू
फिल्म 'पटाखा' का रिव्यू

विशाल भारद्वाज हमेशा अपनी फिल्मों के द्वारा दर्शकों के सामने कुछ नया प्रस्तुत करते हैं. इस बार वह एक ऐसा पटाखा लेकर आए हैं, जो बहुत जोर से फूटता है. हम उनकी फिल्म 'पटाखा' की बात कर रहे हैं. इस फिल्म में सुनील ग्रोवर, सान्या मल्होत्रा, राधिका मदान और विजय राज जैसे सितारें अहम भूमिका में हैं. सान्या मल्होत्रा की बेहतरीन अदाकारी हम पहले ही फिल्म 'दंगल' में देख चुके हैं. इस बार वह एक बिल्कुल अलग रूप में नजर आई है. राधिका मदान और सान्या की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. साथ ही सुनील ग्रोवर भी एक बार फिर से इस फिल्म के माध्यम से आप सबको खूब हंसाएगे. दो बहनों का यह महायुद्ध आपको हंसने पर मजबूर कर देगा.

कहानी - फिल्म 'पटाखा' दो ऐसी बहनों (राधिका मदान और सान्या मल्होत्रा) की कहानी है जिनके बीच आए दिन कहासुनी होती रहती हैं. जब देखो वे दोनों एक दूसरे से लड़ती रहती हैं. छोटी बहन जहां एक अध्यापिका बनना चाहती हैं, वहीं बड़ी बहन खुद का दूध का व्यापार शुरू करना चाहती हैं. सुनील ग्रोवर अपने मनोरंजन के लिए दोनों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश करते रहते हैं. पैसों की जरुरत की वजह से दोनों बहनों के पिता (विजय राज) परेशान रहते हैं. अपनी इस समस्या को हल करने के लिए वह अपनी बड़ी बेटी (राधिका) की शादी पटेल नामक एक शख्स से कराने का तय करते हैं. इसके बदले में पटेल उन्हें पैसे देता है. इसके बाद बड़ी बहन अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग जाती है. अब पटेल छोटी बहन से शादी रचाने की बात करता है पर वह भी अपने प्रेमी के साथ घर से भाग जाती है. इसके बाद कहानी में आगे क्या होता है, इसके लिए आपका इस फिल्म को देखना आवश्यक है.

निर्देशन: -विशाल भारद्वाज की फ़िल्में हमेशा थोड़ी हट कर होती हैं और उनकी यह फिल्म भी काफी अलग है. जिस तरह से उन्होंने इस अनोखी कहानी को बड़े पर्दे पर दर्शाया है, वह सराहनीय है. हालांकि, फिल्म में हिंदी भाषा को रीजनल टच देने की वजह से लोगों को कुछ डायलॉग समझने में शायद थोड़ी कठिनाई हो सकती है.

अभिनय: दर्शकों के साथ ऐसा हो सकता हैं कि सिनेमाघरों से बाहर निकलते वक्त वे राधिका मदान और सान्या मल्होत्रा के फैन बन चुके हो. सुनील ग्रोवर ने इस बार भी अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. विजय राज ने भी लीड कास्ट का बखूबी साथ निभाया है.

म्यूजिक:  फिल्म का टाइटल ट्रैक काफी शानदार है और कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है. साथ ही फिल्म में कुछ बढ़िया देसी डांसिंग नंबर्स भी हैं.

फिल्म की खूबियां : 

1. लीड कास्ट की शानदार एक्टिंग

2. विशाल भारद्वाज का निर्देशन

3. फिल्म का देसी संगीत

फिल्म की खामियां :

1. दूसरा हाफ बहुत सी जगहों पर ट्रैक से भटकते हुए नजर आता है.

2. हिंदी भाषा को रीजनल टच देने के कारण दर्शकों को कुछ शब्द शायद समझ में न आए.

कितने स्टार्स ?

विशाल भारद्वाज के बेहतरीन निर्देशन और लीड कास्ट के दमदार अभिनय के लिए हम इस फिल्म को 3 स्टार्स देना चाहेंगे. निश्चित तौर पर इस पटाखे की गूंज काफी दूर तक जाती है.