दक्षिण-पश्चिमी आइसलैंड में दिसंबर से छठी बार ज्वालामुखी फटा है।
रेक्जनेस प्रायद्वीप में कई शक्तिशाली भूकंप आने के बाद रात नौ बजे ज्वालामुखी फटा और एक घंटे के भीतर सुंधनुकुर क्रेटर में चार किलोमीटर तक लंबी दरार आ गई।
आइसलैंड के अधिकारियों ने कहा कि ज्वालामुखी विस्फोट का प्रभाव स्थानीय स्तर तक ही सीमित है और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, लेकिन इससे लोगों को कोई खतरा नहीं है।
नॉर्वे की मौसम विज्ञान एजेंसी में मौसम और जलवायु प्रमुख हाल्डोर ब्योर्नसन ने 'आइसलैंडिक' समाचार पोर्टल 'विसिर' को बताया कि इस बार लावा का प्रवाह ग्रिंडाविक शहर की ओर नहीं जा रहा है, जबकि पिछली बार दिसंबर में जब विस्फोट हुआ था तो यह ग्रिंडाविक की ओर गया था, जिसके बाद शहर को खाली करा दिया गया था।
आइसलैंड में औसतन हर चार से पांच साल में एक ज्वालामुखी विस्फोट होता है। यहां 2010 में सबसे अधिक विध्वंसकारी 'एज्जाफ्याल्लाजोकुल ज्वालामुखी' विस्फोट हुआ था, जिससे वायुमंडल में राख का गुबार फैल गया था और महीनों तक हवाई यात्रा बाधित रही थी।
एपी
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