देश की खबरें | चंदन हत्याकांड: 28 आरोपियों को सजा सुनाने पर परिवार ने संतोष जताया, पर फांसी की सजा की मांग

लखनऊ (उप्र), तीन जनवरी राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को कासगंज के बहुचर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जिस पर परिवार के लोगों ने संतोष तो जताया, लेकिन उच्च न्यायालय में मुख्य आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग करने का संकल्प दोहराया।

एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने शुक्रवार को चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

चंदन की 26 जनवरी, 2018 को मोटरसाइकिल पर तिरंगा यात्रा के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

अदालत का फैसला आने के बाद ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में चंदन गुप्ता के भाई विवेक गुप्ता ने संतोष व्यक्त किया, लेकिन यह भी कहा कि लड़ाई खत्म नहीं हुई है।

विवेक गुप्ता ने कहा, “हमारे अपने देश में, मेरे भाई की बेरहमी से हत्या कर दी गई, और आज माननीय अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।''

उन्होंने कहा, ''हम इस फैसले से संतुष्ट हैं, लेकिन हम मुख्य आरोपी को फांसी की सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील भी करेंगे।''

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन दो आरोपियों को भी सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।"

अदालत ने दो आरोपियों- नसीरुद्दीन और असीम कुरैशी को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि फैसले में सभी दोषियों को आजीवन कारावास सहित कठोर सजा दी गई है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "प्रत्येक दोषी को आजीवन कारावास और ध्वज का अपमान करने के लिए अतिरिक्त तीन साल की सजा सुनाई गई है।"

बरी किए गए दो व्यक्तियों के बारे में पूछे जाने पर त्रिपाठी ने कहा, "हम फैसले का विश्लेषण करेंगे और उच्च न्यायालय में उनके बरी होने के खिलाफ अपील करेंगे।"

अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने दोषियों को सजा दिलाने में सरकार के प्रयासों की सराहना की।

सिंह ने ‘पीटीआई—वीडियो’ से कहा, ‘‘चंदन गुप्ता के परिवार ने न्याय की मांग की और सरकार ने मामले की गहन जांच की। अदालत के सामने ठोस सबूत पेश किए गए। परिणामस्वरूप, न्यायालय ने यह निर्णय शीघ्रता से सुनाया है। हम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं।”

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने जघन्य अपराधों में न्याय को प्राथमिकता दी है।

समीर सिंह ने कहा, ‘‘कासगंज का मामला ऐसी कई घटनाओं में से एक है, जहां राज्य सरकार ने कुशल पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई के माध्यम से समय पर पीड़ित पक्ष के हक में न्याय सुनिश्चित किया है। इन मामलों में दोषसिद्धि अपराधियों पर शीघ्रता से होने वाली कार्रवाई सरकार की कानून—व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”

बरी किए गए लोगों के खिलाफ अपील करने की परिवार की योजना के बारे में उन्होंने कहा, “ऐसे मामलों के लिए उच्च न्यायालय हमेशा खुले रहते हैं और सरकार न्याय दिलाने में परिवार को पूरा समर्थन देगी।”

सरकारी वकीलों के मुताबिक, 26 जनवरी, 2018 की सुबह चंदन गुप्ता अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा में जा रहा था। जैसे ही जुलूस तहसील मार्ग पर जीजीआईसी के गेट के पास पहुंचा, सलीम, वसीम, नसीम और अन्य लोगों के एक समूह ने रास्ता रोककर जुलूस को आगे नहीं बढ़ने दिया।

जब चंदन गुप्ता ने इसको लेकर आपत्ति जताई तब स्थिति बिगड़ गई और इन आरोपियों ने जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव करने के साथ गोलीबारी शुरू कर दी।

मुख्य आरोपियों में से एक सलीम ने चंदन गुप्ता पर गोली चला दी जिससे चंदन घायल हो गया।

चंदन का भाई और अन्य साथी उसे कासगंज थाना ले गए जहां से उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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