देहरादून, 16 दिसंबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि नई सौर ऊर्जा नीति के तहत वर्ष 2027 तक प्रदेश के आवासीय क्षेत्र में 250 मेगावाट सहित कुल 2500 मेगावाट क्षमता वाले सौर संयंत्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने यहां ‘सौर कौथिग’ मेले का उदघाटन करने के बाद कहा कि सौर ऊर्जा की अधिकतम परियोजनाओं को स्थापित करने के उद्देश्य से नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं।
धामी ने कहा कि राज्य में छतों पर लगाये जाने वाले सौर संयंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत सौर संयंत्र की स्थापना के लिए अब तक करीब 11 हजार लाभार्थियों को 90 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ‘सोलर वाटर हीटर’ संयत्र की स्थापना पर भी 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
धामी ने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के माध्यम से राज्य के स्थायी निवासियों को स्वरोजगार का अवसर भी प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोलर वेंडरों की संख्या बढ़ाते हुए आवासीय क्षेत्र के लिए 365 वेंडरों को मान्यता प्रदान की गयी है जबकि 10 किलोवॉट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों को तकनीकी आकलन से बाहर रखा गया है, जिससे प्रदेशवासी सौर ऊर्जा को आसानी से अपना सकें।
उन्होंने कहा कि पिछले सात माह में उत्तराखंड में 23 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा क्षमता सफलता पूर्वक स्थापित की जा चुकी है।
धामी ने उम्मीद जताई कि ‘कौथिग’ मेले में सौर ऊर्जा से जुड़ी सभी योजनाओं, उनके लाभ और विभिन्न प्रकार के सौर ऊर्जा उत्पादों के बारे में जानकारी लेकर लोग सौर ऊर्जा को अपनाएंगे तथा उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी अपना योगदान देंगे।
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