प्रयागराज, 16 दिसंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एआई (कृत्रिम मेधा) इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामले में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया को सोमवार को अग्रिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके मायके पक्ष के अन्य लोगों द्वारा दायर अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी ने दलील दी कि मृतक अतुल की पत्नी, सास और साले को बेंगलुरु सिटी पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और मौजूदा याचिका सिर्फ सुशील सिंघानिया की तरफ से दायर की गयी है।
उन्होंने अदालत को बताया कि यह गिरफ्तारी कथित सुसाइड नोट के आधार पर की गई है।
वकील ने बताया कि एक वीडियो भी वायरल हुआ है और इस कारण से सुशील सिंघानिया को जबरदस्ती ‘मीडिया ट्रायल’ का सामना करना पड़ रहा है।
तिवारी ने यह दलील भी दी कि सुशील सिंघानिया 69 वर्ष के बुजुर्ग व्यक्ति हैं और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, जिस कारण उनके द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने अदालत से गुहार लगाई कि सुशील सिंघानिया को उचित समय के लिए सुरक्षा दी जाए ताकि वह इस अदालत और संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखने की स्थिति में हों।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा, “अदालत का विचार है कि याचिकाकर्ता सुशील सिंघानिया अग्रिम जमानत का लाभ पाने के पात्र हैं। इसलिए निर्देश दिया जाता है कि इस मामले में अगर उनकी गिरफ्तारी होती है तो उन्हें अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।”
अदालत ने कुछ शर्तों के साथ सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दी और आदेश दिया कि अगर उनके पास पासपोर्ट है तो उन्हें वह संबंधित पुलिस अधिकारी के पास जमा कराना होगा।
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