प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने महंगाई के विरोध में पांच अगस्त को काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करने को लेकर बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि काले जादू में भरोसा करने वाले, कभी फिर से जनता का भरोसा नहीं जीत पाएंगे. प्रधानमंत्री ने यहां 900 करोड़ रुपये की लागत से बना दूसरी पीढ़ी का इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करते हुए यह बात कही. मोदी ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना यह भी कहा कि आत्मनिर्भर बनने के भारत के प्रयास में मुफ्त उपहार एक बाधा है और यह करदाताओं पर बोझ भी है.
उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों ने हताशा में पांच अगस्त को ‘काला जादू’ किया. मोदी ने कहा, ‘‘पांच अगस्त को हमने देखा कि कैसे कुछ लोगों ने 'काला जादू' फैलाने की कोशिश की. ये लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनने से उनकी निराशा खत्म हो जाएगी.लेकिन वे नहीं जानते कि जादू टोना, काला जादू और अंधविश्वास में लिप्त होकर वे फिर से लोगों का विश्वास अर्जित नहीं कर सकते. कांग्रेस ने पांच अगस्त को महंगाई के मुद्दे पर देशभर में प्रदर्शन किया था. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित इसके नेताओं ने काले कपड़े पहनकर संसद परिसर के भीतर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. यह भी पढ़े: PM Modi Pune Visit: एमआईटी कॉलेज में प्रवेश से पहले लोगों से काले मास्क, मोजे व हर तरह का काला कपड़ा हटाने को कहा गया
मोदी ने कहा, "कुछ लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनने से उनकी निराशा और नकारात्मकता दूर हो सकती है, लेकिन वे नहीं जानते कि चाहे वे ऐसी किसी भी रणनीति का सहारा लें, लेकिन लोगों का विश्वास दोबारा नहीं जीत सकते. कांग्रेस के स्पष्ट संदर्भ में, मोदी ने यह भी कहा कि "काला जादू आपके बुरे दिनों को समाप्त नहीं कर सकता. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की 'काला जादू' संबंधी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि देश चाहता है कि वह लोगों की समस्याओं के बारे में बात करें लेकिन ‘‘जुमलाजीवी’’ कुछ भी कहते रहते हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने काले कपड़ों में मोदी की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि वह काले कपड़ों को बेवजह मुद्दा बना रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ये काला धन लाने के लिए तो कुछ कर नहीं पाए, अब काले कपड़ों को लेकर बेमतलब का मुद्दा बना रहे हैं। देश चाहता है कि प्रधानमंत्री उनकी समस्याओं पर बात करें लेकिन जुमलाजीवी कुछ भी बोलते रहते हैं. प्रधानमंत्री ने मुफ्त उपहार देने की राजनीति में शामिल होने को लेकर कुछ विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि इस तरह की चीजें राष्ट्र को केवल नुकसान ही पहुंचाएंगी क्योंकि इससे नयी प्रौद्योगिकी में निवेश बाधित होता है.
उन्होंने कहा कि कोई अगर स्वार्थ की राजनीति में लिप्त है तो वह मुफ्त पेट्रोल-डीजल का वादा भी कर सकता है. मोदी ने कहा, "इस तरह के कदम हमारे बच्चों को उनके हक से वंचित करने और देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकने के समान होंगे. इस तरह की स्वार्थी नीतियां देश के ईमानदार करदाताओं पर अधिक बोझ डालेंगी. उन्होंने कहा कि मुफ्त की सौगातें बांटने का वादा करने वालों को नयी प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिए संसाधन कभी नहीं मिलेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह कोई सही नीति नहीं है, बल्कि भ्रामक है। यह राष्ट्रीय हित में नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के खिलाफ है। यह राष्ट्र निर्माण नहीं, बल्कि देश को पीछे धकेलने का प्रयास है. मोदी ने कहा कि जिन लोगों में राजनीतिक स्वार्थ के लिए ‘शॉर्ट कट’ अपनाकर समस्याओं से बचने की प्रवृत्ति होती है, वे कभी भी समस्याओं को स्थायी रूप से हल नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, ‘‘शॉर्ट-कट अपनाने से निश्चित रूप से शॉर्ट-सर्किट होगा. हमारी सरकार शॉर्ट-कट का पालन करने के बजाय समस्याओं के स्थायी समाधान में लगी हुई है.
उच्चतम न्यायालय ने तीन अगस्त को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और भारतीय रिजर्व बैंक जैसे हितधारकों से चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के मुफ्त उपहारों के वादे से जुड़े ‘‘गंभीर मुद्दे’’ पर विचार-मंथन करने और इस चलन से निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने को कहा था.
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर आगाह किया था और कहा था कि "मुफ्त उपहार" ने कई राज्यों की वित्तीय स्थिति को खराब कर दिया है. हालांकि, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों ने कहा है कि समाज के गरीब वर्गों का कल्याण मुफ्त उपहार नहीं है और सरकारों को कल्याणकारी उपाय जारी रखने चाहिए.
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