![SBI VRS Scheme: एसबीआई 30,000 से ज्यादा कर्मचारियों को वीआरएस देने की तैयारी में, लागत कम करने के लिए शुरू होगी स्कीम SBI VRS Scheme: एसबीआई 30,000 से ज्यादा कर्मचारियों को वीआरएस देने की तैयारी में, लागत कम करने के लिए शुरू होगी स्कीम](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/09/SBI--380x214.jpg)
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) तैयार की है, जिसके लिए बैंक के करीब 30,190 कर्मचारी योग्य हैं. बैंक लागत में कमी करने के उद्देश्य से यह योजना लेकर आ रहा है. एसबीआई में कुल कर्मचारियों की संख्या मार्च 2020 के अंत तक 2.49 लाख थी. यह एक साल पहले 2.57 लाख थी.
सूत्रों के अनुसार, बैंक ने वीआरएस योजना का मसौदा तैयार कर लिया है और निदेशक मंडल की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है. प्रस्तावित योजना ‘दूसरी पारी टैप वीआरएस- 2020’ का लक्ष्य बैंक की लागत में कमी लाना और मानव संसाधन का अधिकतम इस्तेमाल करना है.
यह योजना हर वैसे स्थायी कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने बैंक के साथ काम करते हुए 25 साल बिता दिये हैं या जिनकी उम्र 55 साल है. योजना एक दिसंबर को खुलेगी और फरवरी तक उपलब्ध रहेगी. उसके बाद वीआरएस आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
प्रस्तावित पात्रता शर्तों के अनुसार, बैंक में कार्यरत 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी योजना के पात्र होंगे. बैंक ने कहा कि अनुमानित पात्र लोगों में से यदि 30 प्रतिशत ने योजना का चयन किया तो जुलाई 2020 के वेतन के हिसाब से बैंक को 1,662.86 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत होगी.
योजना चुनने वाले कर्मियों को बचे कार्यकाल का 50 प्रतिशत अथवा पिछले 18 महीने में उन्हें कुल वेतन में से जो कम होगा, उसका एकमुश्त भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और चिकित्सा लाभ जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी.
हालांकि, बैंक यूनियन प्रस्तावित वीआरएस योजना के पक्ष में नहीं हैं. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा, ‘‘एक ऐसे समय में, जब देश कोविड-19 महामारी की चपेट में है, यह कदम प्रबंधन के मजदूर विरोधी रवैये को दर्शाता है.’’
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