चंडीगढ़, 16 दिसंबर पंजाब सरकार ने सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने पुलिस हिरासत में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साक्षात्कार के संबंध में एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला किया है।
सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ से कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुलिस उपाधीक्षक गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने का फैसला किया है।
अदालत को बताया गया कि इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए पंजाब लोक सेवा आयोग को सिफारिश की गई है।
महाधिवक्ता ने विशेष पुलिस महानिदेशक प्रबोध कुमार के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बिश्नोई का साक्षात्कार कराने में कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत दिया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि मोहाली जिले से बाहर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अखिल भारतीय सेवा नियमों के नियम 10 के तहत विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है।
सिंह ने कहा कि वह अगली तारीख पर अदालत को सीलबंद लिफाफे में उन प्रस्तावित नामों की सूची सौंपेंगे जो विभागीय जांच करेंगे।
अदालत पंजाब में जेल परिसरों में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही थी।
पिछले साल मार्च में एक निजी समाचार चैनल ने बिश्नोई के दो साक्षात्कार प्रसारित किए थे।
यह साक्षात्कार 2022 में तीन-चार सितंबर की मध्यरात्रि को खरड़ स्थित अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) परिसर में किया गया, जो एसएएस नगर, मोहाली के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दूसरा साक्षात्कार उस समय किया गया जब गैंगस्टर जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद था।
अक्टूबर में बिश्नोई के साक्षात्कार के सिलसिले में सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था।
बिश्नोई 2022 में लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपियों में से एक है।
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