
काठमांडू, 21 जुलाई नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली द्वारा संसद में लाये गए विश्वास प्रस्ताव पर रविवार को मतदान होगा। लगभग एक सप्ताह पहले ही उन्होंने देश में एक और गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए पद की शपथ ली थी।
वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता ओली (72) ने चौथी बार सोमवार को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले, पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाले गठबंधन को सत्ता से हटाने के लिए नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के बीच सात सूत्री समझौते पर सहमति बनी थी।
ओली ने मंत्रिमंडल के 21 अन्य सदस्यों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।
सरकार बनाने के लिए नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 सदस्यों का समर्थन होना आवश्यक है। ओली के आसानी से विश्वास मत हासिल करने की उम्मीद है, क्योंकि नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के संयुक्त रूप से 167 सदस्य हैं।
दो अन्य सत्तारूढ़ पार्टियों, जनता समाजवादी पार्टी और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के क्रमशः सात और चार सदस्य हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन के अलावा, ओली को राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी), जनता समाजवादी पार्टी नेपाल (जेएसपी), नागरिक उनमुक्ति पार्टी (एनयूपी) और जनमत पार्टी के सांसदों से भी वोट मिलने की संभावना है।
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