नयी दिल्ली, 16 दिसंबर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को संसद में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ‘विकल्प’ योजना के तहत 57,200 से अधिक यात्रियों के लिए दूसरी ट्रेन में वैकल्पिक सीट की व्यवस्था की गई।
राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में वैष्णव ने कहा, ‘‘प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को कन्फर्म सीट प्रदान करने और उपलब्ध सीटों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक ट्रेन में सीट उपलब्ध कराने के लिए 'विकल्प' योजना 2016 में शुरू की गई थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विकल्प योजना के तहत वैकल्पिक ट्रेन में उन पात्र यात्रियों को कंफर्म सीट प्रदान की जाती है, जिन्होंने इसका विकल्प चुना है। यह योजना अखिल भारतीय आधार पर भारतीय रेलवे में पहले से ही उपलब्ध है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 57,209 यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेन में सीट आवंटित की गई।’’
वैष्णव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य फौजिया खान की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने विकल्प योजना की सफलता दर के बारे में सरकार से सवाल किए थे और साथ ही पूछा था कि उच्च मांग वाले मार्गों में इस योजना के विस्तार की क्या योजना है।
रेल मंत्री ने कहा कि आरक्षित श्रेणियों में प्रतीक्षा सूची के टिकट जारी किए जाते हैं ताकि कंफर्म सीट रद्द करने के एवज में खाली होने वाली सीट का उपयोग किया जा सके और रेलवे को मांग पैटर्न का आकलन करने में मदद मिल सके।
वैष्णव के अनुसार, भारतीय रेलवे पर चलने वाली सभी ट्रेन की प्रतीक्षा सूची की स्थिति की नियमित आधार पर निगरानी की जाती है।
उन्होंने कहा कि यात्रियों को अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत भारतीय रेलवे, विभिन्न प्रकार की नियमित ट्रेन के अलावा, यात्रियों की अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करने के लिए त्योहारों और छुट्टियों के दौरान विशेष ट्रेन सेवाएं भी संचालित करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘तदनुसार, 2024 के दौरान, होली और गर्मी की छुट्टी के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर 13,523 विशेष ट्रेन यात्राएं संचालित की गईं। दुर्गा पूजा/दीपावली/छठ के दौरान मांग को पूरी करने के लिए लगभग 1.8 करोड़ यात्रियों की सेवा के लिए एक अक्टूबर, 2024 से 30 नवंबर, 2024 की अवधि के दौरान विशेष ट्रेन के जरिये 7,990 यात्राएं संचालित की गईं।’’
रेल मंत्री ने कहा, "ट्रेन सेवाओं के संचालन के लिए वर्तमान में उपयोग किए जा रहे कुल डिब्बों में से दो-तिहाई गैर-एसी और एक-तिहाई एसी हैं।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
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