निगरानी समिति दिल्ली के नयी सड़क क्षेत्र में फैक्टरी संबंधी पर्यावरण उल्लंघन का अध्ययन करे : एनजीटी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ( photo credit : pti )

नयी दिल्ली, 25 अगस्त : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित निगरानी समिति को यहां नयी सड़क, जोगीवाड़ा क्षेत्र में कारखानों द्वारा किए जा रहे पर्यावरण नियम उल्लंघन का अध्ययन करने एवं उपचारात्मक उपाय सुझाने का निर्देश दिया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (Adarsh ​​Kumar Goyal) की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली के इस भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में अविनियमित खतरनाक गतिविधियों से आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं जिनमें कई लोगों की जान चली गयी और कई अन्य घायल हो गए. हरित इकाई ने कहा कि दमकल गाड़ियों, एंबुलेंस जैसे वाहनों के ऐसे स्थानों पर समय से नहीं पहुंच पाने के कारण समस्या और गंभीर हो गयी. इसने कहा कि यह सर्वविदित है कि भीड़भाड़ वाले इन क्षेत्रों में बिजली के तार लटके हुए हैं जो खतरा पैदा कर रहे हैं.

अधिकरण ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालयों एवं अन्य ऐसी सुविधाओं के अभाव में गंदगी भरा माहौल रहता है तथा रिहायशी क्षेत्रों में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों से लोगों का जीना दूभर हो जाता है. एनजीटी ने यह भी कहा कि अधिक भीड़भाड़ एवं अधिक जनसंख्या घनत्व से कोविड महामारी जैसी बीमारियां भयावह रूप अख्तियार कर लेती हैं जबकि ऐसी बीमारियों के लिए सदैव सावधानियां जरूरी हैं. पीठ ने 23 अगस्त के अपने आदेश में कहा, ‘‘आवेदन में कहे गए कथन एवं पेश की गयी सामग्री तथा उच्चतम न्यायालय के बाध्यकारी आदेश की पृष्ठभूमि में शीर्ष अदालत की समिति द्वारा जमीनी स्तर पर तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाना आवश्यक जान पड़ता है.’’ यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री योगी ने बांटे मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन, 20 लाख लोगों को होगा फायदा

एनजीटी ने कहा कि यह समिति 15 दिन के अंदर अपनी बैठक कर समस्या का संज्ञान ले तथा वह अपनी जरूरत कके हिसाब से दिल्ली के किसी अन्य क्षेत्र के किसी अन्य अधिकारी या किसी अन्य विशेषज्ञ/संगठन को साथ लेने के लिए स्वतंत्र है. अधिकरण शहर के निवासी राजीव अग्रवाल की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है जिन्होंने नयी सड़क, जोगीवाड़ा क्षेत्र में पर्यावरण नियमों के विपरीत फैक्टरियों के चलने एवं वाणिज्यिक गतिविधयों के खिलाफ याचिका दायर की है. उनका कहना है कि इन गतिविधियों के चलते ध्वनि एवं अन्य तरह का प्रदूषण होता है जो रातभर जारी रहता है.