बेंगलुरु, 18 अक्टूबर : आम आदमी पार्टी (आप) के बेंगलुरु चैप्टर के अध्यक्ष मोहन दसारी ने सोमवार को राज्य की भाजपा सरकार पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के रूप में कर्नाटक की छवि को 'सेंध लगाने' के लिए आड़े हाथों लिया. एनजीटी) ने ठोस और तरल कचरे के निपटान में विफल रहने पर राज्य सरकार पर 2,900 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एक प्रेस में बोलते हुए दसारी ने कहा, "भले ही 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कचरा प्रबंधन के संबंध में कई उपाय सुझाए थे, सरकार ने उनका पालन नहीं किया है." उन्होंने कहा, "तो अब सरकार को 2,900 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भरना पड़ रहा है. इसके अलावा चंदापुर झील के विरूपण के लिए पहले लगाया गया जुर्माना कुल 3,400 करोड़ रुपये हैं. करदाताओं का पैसा अक्षम भाजपा सरकार द्वारा बर्बाद किया जा रहा है."
दसारी ने कहा, "राज्य में प्रतिदिन औसतन 15,000 टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है. इसमें से लगभग 6,000 टन कचरे का पर्याप्त रूप से निपटान नहीं किया जाता है. उन्हें खुले में फेंक दिया जाता है. इसके अलावा, लगभग 1,400 लीटर अनुपचारित सीवेज हर दिन जलस्रोतों में प्रवेश करता है." आप वकीलों की इकाई के सदस्य गंगाधर ने कहा, "कचरा प्रबंधन राज्य में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के व्यवसाय में बदल गया है, खासकर बेंगलुरु में." यह भी पढ़ें : Maharashtra: भाजपा ने ग्राम पंचायत की 397 सीट पर जीत का दावा किया
उन्होंने कहा, "इस वजह से कर्नाटक को एनजीटी को फटकार लगानी पड़ी. एनजीटी ने न केवल राज्य सरकार पर जुर्माना लगाया है, बल्कि यह भी आदेश दिया है कि कचरा निपटान के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, यह विस्तार से सूचित किया जाए. इससे पता चलता है कि एनजीटी ने राज्य सरकार पर विश्वास खो दिया है." गंगाधर ने कहा, "मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई खुद बेंगलुरु शहरी विकास विभाग के प्रभारी हैं. उन्हें राज्य के लोगों को तुरंत बताना चाहिए."