नयी दिल्ली, 21 नवंबर भारत ने इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान 16.4 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ी है। अमेरिकी शोध कंपनी मेरकॉम कैपिटल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि यह लंबित परियोजनाओं के चालू होने के कारण सालाना आधार पर 167 प्रतिशत की वृद्धि है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल समान अवधि में 6.2 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ी गई थी।
रिपोर्ट ‘भारत सौर बाजार अपडेट’ में कहा गया, “वर्ष, 2024 के पहले नौ माह (जनवरी-सितंबर) में भारत में कुल 16.4 गीगावाट की सौर परियोजनाएं जोड़ी गईं, जो 2023 की समान अवधि के आंकड़े 6.2 गीगावाट की तुलना में 167 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। पहले से विलंबित कई परियोजनाओं के चालू होने से 2024 के पहले नौ महीनों में क्षमता वृद्धि में योगदान मिला।”
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर की अवधि में 3.5 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ी गई, जो पिछले साल की समान अवधि से 78 प्रतिशत अधिक है।
सितंबर, 2024 तक भारत की कुल स्थापित सौर क्षमता 89.1 गीगावाट रही है, जिसमें ग्रिड से जुड़ी परियोजनाओं का योगदान 86 प्रतिशत से अधिक है। छत पर स्थापित सौर ऊर्जा का योगदान लगभग 14 प्रतिशत है।
भारत की स्थापित बिजली क्षमता में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत और कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में 44 प्रतिशत से अधिक है।
राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक कुल स्थापित व्यापक सौर क्षमता के मामले में शीर्ष तीन राज्य हैं।
साल 2024 के पहले नौ महीनों में, 57.6 गीगावाट की निविदाओं की घोषणा की गई, जो किसी भी वर्ष की नौ महीने की अवधि के दौरान अबतक सबसे अधिक है। यह 2023 के पहले नौ माह में जारी 41.1 गीगावाट की निविदा की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है।
साल 2024 की तीसरी तिमाही में 16.2 गीगावाट की निविदाओं की घोषणा की गई, जो 2023 की इसी अवधि के 13.6 गीगावाट से 19 प्रतिशत से अधिक है।
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